Shivani Gupta
28 Dec 2025
बेंगलुरु। आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक बड़े गांजा तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में बेंगलुरु में काम करने वाली एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सहित कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह ओडिशा से एक खास किस्म का गांजा शीलवती स्ट्रेन लाकर तमिलनाडु के रास्ते श्रीलंका तक सप्लाई करता था। पुलिस के मुताबिक यह पहला मामला हो सकता है, जिसमें आंध्र–ओडिशा सीमा से गांजा सीधे श्रीलंका भेजा गया हो।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार महिला की पहचान 28 वर्षीय गाडे रेणुका के रूप में हुई है, जो मूल रूप से आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के संथाकविती की रहने वाली है। रेणुका का नेटवर्क नरसिपट्टनम, पायकारावपेटा, सालुरु और बेंगलुरु तक फैला था। इसी वजह से अपराध जगत में वह ‘लेडी डॉन’के नाम से जानी जाने लगी थी। रेणुका और उसका सहयोगी सूर्या कालिदास नरसिपट्टनम में किराए के मकान से तस्करी का संचालन कर रहे थे, जहां ओडिशा से गांजा मंगवाकर आगे सप्लाई किया जाता था।
पुलिस को इस नेटवर्क के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद इंस्पेक्टर वाई. तारकेश्वर राव और नाथवरम के सब-इंस्पेक्टर की टीम ने स्रुगावरम गांव के पास छापा मारकर गिरोह को धर दबोचा। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 74 किलो सूखा गांजा, एक कार, दो मोटरसाइकिल और कई मोबाइल फोन बरामद किए।
जांच में खुलासा हुआ कि रेणुका ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए बेंगलुरु और कोयंबटूर में भी किराए पर मकान ले रखे थे। वह बिचौलिए अड्डूरी प्रसाद के जरिए ओडिशा के बालिमेला और चित्रकोंडा क्षेत्र के आदिवासियों से गांजा खरीदती थी। इसकी कीमत लगभग 5,000 रुपए प्रति किलो तय की गई थी।
गांजे की खेप को मदन कुमार और नागा मुट्टू नाम के ड्राइवर राजनगरम हाईवे जंक्शन तक पहुंचाते थे। वहां से इसे तमिलनाडु और फिर श्रीलंका भेजा जाता था। पुलिस के अनुसार, तमिलनाडु में यह गिरोह छोटे पैकेटों में गांजा बेचता था। रेणुका के वहां के तस्करों से मजबूत संपर्क थे, जिनकी मदद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई संभव हो पाई।