नई दिल्ली। भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच अहम बैठक खत्म हो गई है। यह बैठक हैदराबाद हाउस में हुई जिसमें दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने अपनी कई बातें रखी। मोदी ने आतंकवाद से लेकर यूक्रेन में शांति जैसे मुद्दे पर बात की, इसके अलावा रूसी लोगों के लिए 30 दिनों के ई-टूरिस्ट वीजा और 30 दिनों की ग्रुप टूरिस्ट वीजा की घोषणा भी की।
दूसरी ओर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस और भारत के आपसी संबंध काफी मजबूत हैं। उन्होंने बताया कि रूस सबसे बड़े भारतीय न्यूक्लियर प्लांट के निर्माण के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है।
मोदी ने संबोधन में क्या-क्या कहा
- विश्व में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं मानवता को संकट से गुजना पड़ा है, इन सबके बीच भारत रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही। जो पूरी दुनिया में छाई। वहीं आगे वे बोले हम भारत-रूस आर्थिक सहयोग कार्यक्रम को 2030 तक जारी रखने पर सहमत हुए हैं। आज पुतिन और मुझे इंडिया रसिया बिजनेस फोरम में शामिल होने का अवसर मिलेगा
- इसके अलावा पीएम ने रूस द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में रूस के सहयोग का जिक्र किया। उन्होंने बताया पहलगाम या क्रोकस सिटी हॉल पर कायरपूर्ण हमला इन सबकी जड़ एक ही है, आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है इसके बीच वैश्विक एकता ही हमारी ताकत है।
- हाल ही में रूस भारत के दो नए कन्सुलेट खोले गए हैं, इससे आपकी नजदीकियां बढ़ेगी, इस साल अक्तूबर में लाखों श्रद्धालुओ को कालमिकियां में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष का लाभ मिला. हम रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन के लिए ई टूरिस्ट वीजा और 30 दिन के लिए ग्रुप ई वीजा की शुरुआत करने जा रहे हैं."
पुतिन की स्पीच की बड़ी बातें
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि "ऑयल, गैस जैसी सभी चीजें देने के लिए तैयार हैं जो भारत के विकास के लिए जरूरी है। एनर्जी के लिए हम सभी तरह के सहयोग करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने इंडियन सिनेमा की तारीफ करते हुए बोले भारतीय सिनेमा रूस में काफी पसंद किया जाता है, रुपये का इस्तेमाल का भी दायरा बढ़ा है."
- "रूस और भारत ब्रिक्स, एससीओ और ग्लोबल मेजॉरिटी के अन्य देशों में समान विचारधारा वाले देशों के साथ स्वतंत्र और आत्मनिर्भर विदेश नीति का संचालन कर रहे हैं... हम संयुक्त राष्ट्र में निहित कानून के मुख्य सिद्धांत का बचाव कर रहे हैं."
- पुतिन ने भारत के ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के प्रयासों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के लिए भी भारत ने निरंतर प्रयास किए हैं। व्यापार और तकनीक हमारी प्रमुख प्राथमिकता है। हम रूस और भारत की जनता के लिए आपसी रिश्तों को मजबूत करना जारी रखेंगे।
23 वां भारत-रूस शिखर सम्मेलन
बता दें 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर होस्ट किया जा रहा है। जहां इस शिखर सम्मेलन की टाइमिंग बहुत बहुत अहम है। एक तरफ अमेरिका वैश्विक सहयोग की मांग करते हुए यूक्रेन शांति समझौते पर जोर दे रहा है तो दूसरी तरफ उसने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ वाला दबाव बनाए रखा है। ऐसे में पुतिन-मोदी की बैठक में लिए जाने वाले फैसले बड़ी भूमिका निभाएंगे।