Shivani Gupta
25 Oct 2025
Manisha Dhanwani
25 Oct 2025
सातारा। महाराष्ट्र के सातारा में फलटण के होटल में सुसाइड करने वाली डॉक्टर के सुसाइड केस में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी कर ली है। पुलिस ने डॉक्टर के मकान मालिक के बेटे प्रशांत बांकर को हिरासत में लिया है। वहीं, आरोपी सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने को सस्पेंड कर तलाश जारी है। प्रशांत बांकर पर रेप और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज है।
29 वर्षीय महिला डॉक्टर ने 23 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। डॉक्टर ने अपने हाथ पर लिखे नोट में अपने साथ हुई मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के बारे में आरोप लगाए।
डॉक्टर ने अपने हथेली पर नोट लिखा था। जिसमें उन्होंने एक पुलिसकर्मी गोपाल बडाने पर पिछले पांच महीने से बार-बार रेप और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने प्रशांत बंकर नाम के व्यक्ति पर भी मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया, जो उस मकान मालिक का बेटा है, जहां डॉक्टर किराए पर रह रही थीं। साथ ही लिखा कि, बदने कुछ आरोपियों के फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट बनाने के लिए दबाव बना रहा था। नोट में एक सांसद और उनके दो पीए का भी नाम था, जो फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में दबाव डाल रहे थे।
प्रशांत बांकर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने को सस्पेंड कर दिया गया है, फिलहाल वो फरार चल रहा है और उसकी तलाश की जा रही है।
डॉक्टर बीड जिले की रहने वाली थीं और फलटण तहसील के सरकारी अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर पोस्टेड थीं। होटल में कमरे में लटकी मिली थी। स्टाफ ने दरवाजा खटखटाया, कोई जवाब नहीं मिलने पर दूसरी चाबी से खोला गया। डॉक्टर पहले ही अपने वरिष्ठों और प्रशासन से शिकायत कर चुकी थीं कि, उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
CM देवेंद्र फडणवीस ने सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने का आदेश दिया। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि, राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। महिला आयोग की चेयरपर्सन रूपाली चाकनकर ने पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं शिवसेना (UBT) ने स्वतंत्र SIT से जांच की मांग की है। भाजपा नेता चित्रा वाघ ने कहा कि, सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है। एनसीपी नेता आनंद परांजपे ने फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग की। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर पुलिस बचाने का आरोप लगाया।
डॉक्टर के रिश्तेदारों ने कहा कि, उन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने और मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर का दबाव डाला गया। डॉक्टर ने पहले भी शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। परिवार का कहना है कि, डॉक्टर मानसिक दबाव और काम के तनाव में थीं।