Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
प्रो. हिमांशु राय
वर्ष 2025 में भारत एक नई ऊर्जा और संकल्प के साथ वैश्विक मंच पर उभर रहा है। आज भारत न केवल तकनीकी दृष्टि से सशक्त हो रहा है, बल्कि नवाचार और उद्यमिता में भी एक नई क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। देश में इस समय एक लाख 80 हजार से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं और इनमें से कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य तकनीक और डीप टेक जैसे भविष्य के क्षेत्रों में कार्यरत हैं। यह आंकड़ा एक परिवर्तनशील, विकसित और आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। भारत का यह परिवर्तन सरकार की दूरदर्शी नीतियों, शिक्षा प्रणाली में किए गए सुधारों और उद्योग जगत की सक्रिय भागीदारी का परिणाम है।
वर्तमान में भारत में 15 से 29 आयु वर्ग के करीब 37.1 करोड़ युवा हैं। 2047 तक यह संख्या और अधिक हो सकती है, जिससे भारत दुनिया के सबसे युवा और ऊर्जावान देशों में अग्रणी बना रहेगा। आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न ने युवा वर्ग को नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बना दिया है। देश के भीतर विकसित स्टार्टअप जैसे-जोहो, ओला इलेक्ट्रिक और जीरोध आज वैश्विक कंपनियों को प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं, जिससे भारत की नवाचार क्षमता विश्व स्तर पर सराही जा रही है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 से पता चलता है कि भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में 13.8% की वृद्धि हुई है, सकल नामांकन अनुपात 23.7% से बढ़कर 28.4% हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में उल्लेखनीय वृद्धि की परिकल्पना की गई है, जिसका लक्ष्य 2035 तक 50% करना है। शिक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों ने उद्यमशीलता की भावना को मजबूत किया है। एनईपी के तहत विद्यार्थियों को विद्यालय स्तर से ही नवाचार, डिजाइन थिंकिंग और तकनीकी कौशल से जोड़ा जा रहा है। आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे संस्थान अब सिर्फ शैक्षणिक उत्कृष्टता के केद्र नहीं, बल्कि नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति के सशक्त स्तंभ बन गए हैं।
यहां से निकलने वाले युवा उद्यमी देश को नए विचारों और तकनीक से समृद्ध कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में भारत हर वर्ष लाखों तकनीकी, उद्यमशील और नवाचार में दक्ष स्नातकों को तैयार करेगा, जो 2047 तक स्टार्टअप संस्कृति को और भी मजबूत कर देंगे। सरकार की स्टार्टअप इंडिया योजना ने भी उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए कर छूट, 10 हजार करोड़ रुपए का विशेष कोष तथा आसान व्यवसाय पंजीकरण जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं। डिजिटल इंडिया और ओएनडीसी जैसे प्लेटफॉर्म ने छोटे और मध्यम व्यवसायों को वैश्विक बाजार तक पहुंचने की शक्ति दी है। आज भारत में व्यापार करना पहले से कहीं अधिक सरल और सुलभ हो चुका है।
वर्ष 2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण करेगा, तब देश एक विकसित राष्ट्र के रूप में विश्व का नेतृत्व कर रहा होगा। भारत का लक्ष्य है कि वह स्टार्टअप नवाचार में न केवल आत्मनिर्भर बने, बल्कि वैश्विक स्तर पर अग्रणी तकनीकी और उद्यमशीलता महाशक्ति के रूप में उभरे, जहां लाखों स्टार्टअप्स देश के भीतर से वैश्विक समस्याओं जैसे-जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सतत विकास के समाधान प्रस्तुत कर रहे हों। स्टार्टअप इंडिया केवल आर्थिक विकास का माध्यम नहीं, बल्कि नव भारत की आत्मा है। यह एक ऐसे राष्ट्र की परिकल्पना है, जो आत्मनिर्भर, सशक्त, और तकनीकी रूप से अग्रणी है। 2047 का भारत एक ऐसा भारत होगा, जो न केवल अपने लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए समाधान देने वाला एक पथप्रदर्शक होगा और इसकी शुरुआत आज के युवा उद्यमियों से हो चुकी है।
( निदेशक, आईआईएम, इंदौर )