Aditi Rawat
24 Nov 2025
Aditi Rawat
24 Nov 2025
धर्म डेस्क। आने वाला वर्ष 2026 हिंदू पंचांग की दृष्टि से बेहद विशेष होने वाला है। इस साल एक नहीं, बल्कि दो-दो ज्येष्ठ महीने पड़ेंगे। अधिकमास जुड़ने के कारण विक्रम संवत 2083 में कुल 13 महीने होंगे। इसे पंचांग में एक दुर्लभ और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण संयोग माना जाता है।
बता दें कि, हिंदू पंचांग में चंद्र वर्ष 354 दिनों का होता है जबकि सूर्य वर्ष 365 दिनों का। दोनों के बीच हर साल लगभग 11 दिनों का अंतर बढ़ता जाता है। इस अंतर को संतुलित करने के लिए लगभग हर 32 महीने 16 दिन में पंचांग में एक अतिरिक्त माह जुड़ता है। जिसे अधिकमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है।
पंचांग गणना के अनुसार वर्ष 2026 में अधिकमास ज्येष्ठ महीने के रूप में पड़ने वाला है। इस वर्ष ज्येष्ठ माह दो बार आएगा एक सामान्य और दूसरा अधिक ज्येष्ठ। सामान्य ज्येष्ठ की अवधि 22 मई से 29 जून 2026 तक रहेगी। जबकि अधिक ज्येष्ठ या मलमास 17 मई से 15 जून 2026 तक चलेगा। दोनों अवधियों के जुड़ने से ज्येष्ठ माह लगभग 58 से 59 दिनों का हो जाएगा। यह एक दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग है जो कई वर्षों में एक बार ही देखने को मिलता है।
अधिकमास धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है और यह समय जप-तप, दान, आध्यात्मिक साधना और आत्मचिंतन के लिए उत्तम होता है। परंपरा के अनुसार इस अवधि में विवाह, सगाई, गृह प्रवेश और संपत्ति खरीद जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
2025 के अंत में शादी के मुहूर्त शुरू होंगे लेकिन 15 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं रहेगा और अधिकमास में भी विवाह जैसे कार्य वर्जित माने जाते हैं।