चंडीगढ़। हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार का अब तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उस बैठक में इस केस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इसके बाद मृतक के परिवार ने यह तय किया कि वे छठे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे। दरअसल, परिवार को यह उम्मीद थी कि इस बैठक में किसी बड़े कदम की घोषणा होगी। जिसके तहत डीजीपी समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों की गिरफ्तारी होगी और पूरन कुमार को न्याय मिलेगा।
हरियाणा सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम
हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरन कुमार केस में न्याय संघर्ष मोर्चा ने 31 सदस्य कमेटी का गठन किया है। इस गठन ने रविवार दोपहर 3 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-20 स्थित गुरु रविदास भवन में महापंचायत का आयोजन किया। महापंचायत में फैसला हुआ कि हरियाणा के डीजीपी शत्रूजीत कपूर को पद से हटाया जाए और उनकी गिरफ्तारी हो। साथ ही, हाइकोर्ट के जज से मामले की जांच कराने की मांग की गई। वहीं, सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है कि अगर डीजीपी को पद से नहीं हटाया तो उसके बाद आंदोलन तेज किया जाएगा। इसमें शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित करने से लेकर बाकी कई तरह के आंदोलन शुरू किए जाएंगे। साथ ही, महापंचायत के बाद यह अपील की गई कि लोग शांतिपूर्वक अपने घर जाएं। बैठक में शामिल कुछ कार्यकर्ता राजभवन की ओर रवाना होने की तैयारी में थे, जबकि कुछ ने सड़कों पर नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि, मोर्चा के लोगों ने कहा कि अभी कोई प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, और यदि कोई नारेबाजी हो रही है, वह व्यक्तिगत है। प्रशासन की पुलिस बल महापंचायत स्थल पर तैनात रही और प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका गया।
मानसिक उत्पीड़न से परेशान था पूरन
परिजनों का कहना है कि वे बिना न्याय के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पूरन कुमार ने जातीय भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या की थी। जब तक जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं होगी, वे पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सुबह पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि, सरकार को तुरंत उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने चाहिए।
सरकारी अधिकारी लगातार परिवार से बात कर रहे है
पूरन कुमार का शव पीजीआई चंडीगढ़ के एडवांस्ड ऑटोप्सी सेंटर में है। शनिवार सुबह एसएसपी चंडीगढ़ कंवरदीप कौर मौके पर पहुंचीं और अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली। वहीं, सरकारी अधिकारी परिवार से लगातार बात कर रहे हैं और उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर न्याय की मांग
कैबिनेट की बैठक से पहले उम्मीद थी कि सरकार इस मामले में किसी बड़े फैसले की घोषणा कर सकती है, लेकिन बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।