Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार कार ने पैदल चल रहे कांवड़ियों के एक समूह को रौंद दिया। हादसा रात करीब 1 बजे शिवपुरी लिंक रोड स्थित शीतला माता मंदिर के पास हुआ। टायर फटने से कार बेकाबू हो गई और श्रद्धालुओं को कुचलते हुए खाई में पलट गई।
इस दर्दनाक हादसे में तीन कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दो अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। मृतकों में तीन लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं।
सभी कांवड़िए भदावना के शिव मंदिर स्थित झरने से जल लेकर लौट रहे थे। ये श्रद्धालु घाटीगांव की सिमरिया पंचायत के रहने वाले थे और बुधवार को अपने गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक करने वाले थे। हादसा उनके गांव से मात्र 35 किलोमीटर पहले हुआ।
हादसे के बाद हाईवे पर चीख-पुकार मच गई। कार और कई कांवड़िए सड़क किनारे खाई में जा गिरे। सूचना मिलते ही कंपू, जनकगंज, झांसी रोड और माधौगंज थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को खाई से निकालकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के बाद कार सवार लोग मौके से फरार हो गए। पुलिस को कार के अंदर कोई नहीं मिला। सीएसपी हीना खान ने बताया कि कार का टायर फटने के कारण यह हादसा हुआ। कार का नंबर ट्रेस कर लिया गया है और दो टीमें आरोपी सवारों की तलाश में लगाई गई हैं।
सभी मृतक एक ही समाज और गांव से जुड़े हुए थे। गांव से कुल 13 लोग कांवड़ भरने के लिए दो दिन पहले निकले थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि “कांवड़िए कतार में चल रहे थे, अचानक जोर का धमाका हुआ। पलक झपकते ही तेज रफ्तार कार ने टोली को कुचल दिया और पलट गई।” इस दौरान हाइवे पर अफरा-तफरी मच गई।
घायलों को जब जेएएच लाया गया तो अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी सामने आई, जिससे परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा भी किया। हालात को देखते हुए पुलिस को अस्पताल परिसर में भी तैनात किया गया।
हादसे के बाद घटनास्थल पर तनाव की स्थिति बन गई। श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई, जिससे ट्रैफिक भी बाधित हुआ। हालात को संभालने के लिए आसपास के आधा दर्जन थानों की पुलिस को मौके पर तैनात किया गया।
यह हादसा सावन माह की कांवड़ यात्रा के दौरान हुआ है, जब लाखों श्रद्धालु जल लेकर अपने-अपने गांवों के शिव मंदिरों में अभिषेक करते हैं। ऐसे में प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस की भूमिका और तैयारी पर सवाल खड़े हो गए हैं।