Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
मुख्यमंत्री पटेल, जो खुद सड़क एवं भवन विभाग की जिम्मेदारी भी संभालते हैं, ने इस घटना के बाद एक विशेषज्ञ समिति से मरम्मत, निरीक्षण और गुणवत्ता जांच पर रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में लापरवाही और निगरानी में कमी सामने आने पर यह निर्णय लिया गया।

सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री पटेल ने राज्य के अन्य पुलों की सुरक्षा को लेकर तत्काल गहन निरीक्षण कराने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं।
बुधवार सुबह वडोदरा जिले के पादरा कस्बे के पास गंभीरा गांव के नजदीक स्थित पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया। यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता है और करीब 40 साल पुराना था। हादसे के वक्त कई वाहन पुल से गुजर रहे थे जो पुल के साथ नदी में गिर गए।
स्थानीय प्रशासन, SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत व बचाव अभियान शुरू किया। अभी तक 16 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं। तलाश और रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है।
स्थानीय सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पुल की स्थिति जर्जर थी और इसे लेकर कई बार शिकायतें भी की गई थीं। बावजूद इसके, इसकी मरम्मत या सुरक्षा जांच नहीं कराई गई थी। हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस लापरवाही के लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार थे।