Naresh Bhagoria
11 Nov 2025
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Aditi Rawat
11 Nov 2025
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11 Nov 2025
संतोष चौधरी
भोपाल। मध्य प्रदेश इमारती लकड़ी, बांस और वनोपज के परिवहन से जुड़ी गड़बड़ी को रोकने के लिए वन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब इनका परिवहन ट्रांजैक्शन पास (टीपी) पूरी तरह ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। विभाग का मानना है कि नई व्यवस्था से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि वनोपज के व्यापार में समय और संसाधनों की बचत भी होगी। उन्हें दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस संबंध में पीसीसीएफ संरक्षण विभाष ठाकुर ने शुक्रवार को आदेश जारी किए हैं।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक टीपी मैनुअल रूप से जारी की जाती थी। इस प्रक्रिया में कई खामियां थीं। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि एक ही टीपी पर अलग-अलग मात्रा में लकड़ी का परिवहन कर लिया जाता था। कई बार तो एक टीपी का बार-बार उपयोग कर ट्रकों से माल भेजा जाता था, जिससे वन विभाग को करोड़ों का राजस्व नुकसान झेलना पड़ता था। दस्तावेजों की जांच और सत्यापन में भी काफी समय लगता था, जिससे व्यापारी और विभाग दोनों को परेशानी होती थी।
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वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हर साल 300 करोड़ की अवैध लकड़ी जब्त की जाती है। बाद में जब्त लकड़ी की नीलामी की जाती है। अक्सर सामने आया है कि लोग एक ही टीपी का बार-बार उपयोग करते पाए गए हैं। टीपी आनलाइन जारी होने से इस गड़बड़ी पर बंदिश लगाई जा सकेगी।
-सुविधा: वन विभाग के कार्यालयों में भौतिक रूप से उपस्थित हुए बिना टीपी जारी हो जाएगी।
-पारदर्शिता: परिवहन अनुज्ञा पत्र की निगरानी और रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी।
-सुधार: मैनुअल कागज आधारित प्रणाली को ऑनलाइन प्रणाली से बदला जाएगा।
-लागत और समय की बचत: व्यापारियों और उत्पादकों को लागत और समय की बचत होगी।
-विभाग की गड़बड़ी सामने आएगी : इससे मैदानी कर्मचारियों की गड़बड़ियां रोकी जा सकेंगी।
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मप्र में हर साल 800 करोड़ रुपए की लकड़ी और बांस की नीलामी की जाती है। इसमें वनोपज अलग है। इसमें ढाई लाख घन मीटर इमारती लकड़ी और 40 हजार नोशनल टन बांस शामिल हैं। पीसीसीएफ (उत्पादन) बिंदु शर्मा ने कहा ऑनलाइन टीपी व्यवस्था प्रदेश में इमारती लकड़ी और बांस के कारोबार को एक संगठित ढांचा देगी। इससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया जल्दी होगी। अवैध परिवहन पर रोक लगेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा।