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27 Oct 2025
Shivani Gupta
27 Oct 2025
Priyanshi Soni
27 Oct 2025
Mithilesh Yadav
27 Oct 2025
Priyanshi Soni
27 Oct 2025
पल्लवी वाघेला
भोपाल। अगस्त 2019 से लागू तीन तलाक संबंधी कानून के बाद मुस्लिम महिलाएं अधिकारों के प्रति सजग नजर आ रही हैं। फैमिली कोर्ट में पहुंच रहे मामले इसकी पुष्टि करते हैं। कोर्ट में बिना पत्नी की सहमति लिए दूसरी शादी करने और पत्नी को अधिकार न देने के मामले पहले एक्का-दुक्का ही पहुंचते थे। नियम आने के बाद इनकी संख्या लगातार बढ़ी है। दरअसल, महिलाओं का मत है कि पहले उन्हें यही डर था कि विरोध करने पर पति तीन बार तलाक कहकर उन्हें घर से बाहर कर देगा, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मप्र के चार प्रमुख नगरों की बात करें तो नियम लागू होने के बाद हर साल दर्जन भर से ज्यादा मामले ऐसे पहुंच रहे हैं।
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महिला थाने की पूर्व काउंसलर मोहिब अहमद कहती हैं कि इस्लाम में दूसरी शादी करने के लिए पहली पत्नी की इजाजत लेना अनिवार्य है। दूसरी शादी के बाद भी पहली पत्नी को वही दर्जा देना और उसकी जिम्मेदारी निभाना भी जरूरी है। पहले जागरूकता और तलाक के डर के चलते महिलाएं न्याय के लिए आवाज नहीं उठाती थीं। अब स्थिति बदल रही है। हालांकि, दूसरी शादी को लेकर कानूनन सजा का प्रावधान नहीं है ऐसे में पति को समझाया जाता है कि पहली पत्नी को उसका अधिकार देना पति की जिम्मेदारी है।
मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में न्यायालयों में लंबित मामलों की स्थिति चिंताजनक है। भोपाल में सबसे अधिक 32 मामले विचाराधीन हैं। इसके बाद इंदौर में 26 मामले लंबित हैं, जो राज्य का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है। जबलपुर में 19 और ग्वालियर में 14 मामले विचाराधीन हैं।
महिला थाने की पूर्व काउंसलर मोहिब अहमद कहती हैं कि इस्लाम में दूसरी शादी करने के लिए पहली पत्नी की इजाजत लेना अनिवार्य है। दूसरी शादी के बाद भी पहली पत्नी को वही दर्जा देना और उसकी जिम्मेदारी निभाना भी जरूरी है। पहले जागरूकता और तलाक के डर के चलते महिलाएं न्याय के लिए आवाज नहीं उठाती थीं। अब स्थिति बदल रही है। हालांकि, दूसरी शादी को लेकर कानूनन सजा का प्रावधान नहीं है ऐसे में पति को समझाया जाता है कि पहली पत्नी को उसका अधिकार देना पति की जिम्मेदारी है।
एडवोकेट मीना गुप्ता कहती हैं, ऐसे केस बढ़ रहे हैं जहां बीवी की शिकायत होती है कि शौहर ने बिना बताए दूसरा या तीसरा निकाह कर लिया। ऐसे में पहली बीवी भरण-पोषण का केस लगा सकती है। कानून उन्हें लैंगिग समानता और बच्चों की कस्टडी का अधिकार भी देता है। महिलाओं को इस बात का भय नहीं है कि पति उन्हें तलाक देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगा, इसलिए इस तरह के केस तीन तलाक संबंधी कानून के आने के बाद अचानक बढ़े हैं।
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केस-1 : बरखेड़ी अब्दुला की महिला के पति ने 11 नवंबर 2022 को पत्नी से छिपा कर दूसरा निकाह कर लिया। पति उसकी और 6 साल के बच्चे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा था। एक एनजीओ से कानून की जानकारी लेने के बाद केस किया, तो अदालत ने भरण-पोषण का आदेश दिया।
केस-2 : पत्नी ने बीते माह अशोका गार्डन थाने में एक महिला ने अपने पति पर एफआईआर कराई है। बीते साल जुलाई में पति ने दूसरा निकाह कर लिया। पत्नी ने कहा कि वह अपना और बेटी का अधिकार नहीं छोड़ेगी। उनका यह मामला वर्तमान में विचाराधीन है।