Aditi Rawat
11 Nov 2025
Naresh Bhagoria
11 Nov 2025
Naresh Bhagoria
11 Nov 2025
Naresh Bhagoria
11 Nov 2025
भोपाल। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम इन दिनों प्रदेश में चल रहा है। बीएलओ वोटर वेरिफिकेशन के लिए घर-घर जाकर गणना पत्रक (एन्युमेरेशन फॉर्म) दे रहे हैं। साथ ही 2003 और 2025 की वोटर लिस्ट से वोटर के नाम, इपिक नंबर का मिलान भी कर रहे हैं। हालांकि इस काम में कई दिक्कतें आ रही हैं। एसआईआर को लेकर भाजपा की मॉनिटरिंग कमेटी ने भी कुछ समस्यओं की ओर निर्वाचन आयोग का ध्यान आकर्षित किया है। इसमें प्रमुख रूप से वर्ष 2003 और 2025 की वोटर लिस्ट अपडेट नहीं होना और नेटवर्क की समस्या है।
मॉनिटरिंग कमेटी की संयोजक भगवानदास सबनानी हैं। उनके साथ भाजपा नेताओं ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी(सीईओ) संजीव झा से मुलाकात की। उन्होंने सीईओ को बताया कि बीएलओ आईपैड लेकर वोटर के पास जा रहे हैं। लेकिन कई जगहों पर देखा गया है कि नेटवर्क नहीं मिलता और घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई बीएलओ ने उन्हें बताया कि सर्वर डाउन होने के कारण भी डेटा फीड नहीं होता। यह स्थिति न केवल आलीराजपुर, डिंडोरी या मंडला जैसे जिलों की है, बल्कि राजधानी में भी यह समस्या आम है। भाजपा नेताओं का कहना है कि जब भोपाल जैसे शहर में यह ऐसी समस्या है तो दूरस्थ क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी अंदाजा लगाया जा सकता है। सीईओ संजीव झा ने इस बारे में कलेक्टर्स से बात करने का आश्वासन दिया है। हालांकि नेटवर्क की समस्या का समाधान इतना आसन नहीं है।
वोटर लिस्ट में एक व्यवहारिक दिक्कत यह भी आ रही है कि एक बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर ही हो सकते हैं। ऐसे में यादि किसी बूथ पर 1197 के बाद एक परिवार के पांच सदस्यों के नाम जोड़े जाने हैं तो अधिकतम 3 नाम ही जोड़े जा सकते हैं। 2 अन्य सदस्यों के नाम किसी दूसरे बूथ पर रहेंगे। पुरानी वोटर लिस्ट की इस समस्या को भी खत्म करने के बारे में कहा गया है, जिससे परिवार के सभी सदस्य एक बूथ पर वोटिंग कर सकें।
प्रदेश भाजपा के मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कुछ समस्याएं तो रहती हैं, लेकिन हम एसआईआर का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सीईओ से मिले और कहा कि ऑनलाइन के अलावा वोटर लिस्ट की हार्डकॉपी भी बीएलओ को दी जाए, जिससे काम और आसान हो जाए। इसके अलावा हमने हमारे बीएलए-2 के आइडेंटी कार्ड को जल्दी डिस्ट्रीब्यूट करने की बात भी कही है। 2003 और 2025 की वोटर लिस्ट में नाम मिलान की समस्या पर उन्होंने कहा कि दरअसल 2008 में परिसीमन हो गया था, इसलिए भी वोटरलिस्ट में कुछ समस्याएं हो रही हैं, हमें भरोसा है कि चुनाव आयोग सभी समस्याओं का समाधान करेगा।