Shivani Gupta
8 Nov 2025
Aakash Waghmare
7 Nov 2025
वाशिंगटन डीसी। पृथ्वी इस समय एक बेहद शक्तिशाली भू–चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) का सामना कर रही है, जिसे नासा ने वर्ष 2025 का सबसे तीव्र तूफान घोषित किया है। इस तूफान की वजह से आसमान में हरे, लाल और बैंगनी रंगों की रोशनी-यानी औरोरा-दूर-दूर तक दिखाई दे रही है। यह नजारा जितना सुन्दर है, उतना ही यह वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय भी है, क्योंकि इसका सीधा संबंध सूर्य पर होने वाली भारी विस्फोटक गतिविधियों से है। नासा की हेलियोफिजिक्स डिवीजन द्वारा प्रकाशित एक नई रिसर्च के अनुसार, सूर्य से निकलने वाले शक्तिशाली ऊर्जा विस्फोट, जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) कहा जाता है, पृथ्वी की चुंबकीय कवर को प्रभावित करते हैं। जब बड़ी मात्रा में आवेशित कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं, तो वे न सिर्फ औरोरा पैदा करते हैं, बल्कि बिजली, संचार नेटवर्क और उपग्रहों के संचालन में भी बाधा डाल सकते हैं।

अध्ययन के अनुसार, सूर्य अपने सौर चक्र के उच्चतम बिंदु की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में स्पेस वेदर अगले दो वर्षों में और बढ़ सकता है। नासा और एनओएए की संयुक्त रिपोर्टों के अनुसार वर्तमान तूफान जी5 स्तर तक पहुंच गया जो कि भू–चुंबकीय तूफानों (Geomagnetic Storm) का सबसे ऊंचा स्तर है। यह तूफान कई लगातार सीएमई के टकराव से बना, जो अंतरिक्ष में मिलकर एक विशाल प्लाज़्मा तरंग के रूप में पृथ्वी से टकराए। इस टक्कर ने पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में भारी ऊर्जा प्रवाह उत्पन्न किया, जिसके कारण डीएसटी यानी डिस्टर्बेंस स्टॉर्म टाइम इंडेक्स में तेज गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का मतलब है कि भू–चुंबकीय गतिविधि अत्यधिक बढ़ गई थी। इस तूफ़ान का सबसे आकर्षक परिणाम यह रहा कि औरोरा अब ध्रुवीय क्षेत्रों से बहुत नीचे तक दिखाई दे रहा है। सामान्यतः उत्तरी रोशनी जिसे औरोरा बोरियालिस कहा जाता है, पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के पास आर्कटिक सर्कल के आसमान में दिखाई देने वाला एक प्राकृतिक प्रकाश शो है।

औरोरा बोरियालिस हरे, लाल, बैंगनी, नीले और गुलाबी रंगों की लहरों, पट्टियों और चमक के रूप में दिखाई देता है। लेकिन इस बार यह उत्तरी यूरोप, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया है। स्कॉटलैंड, उत्तरी इंग्लैंड, नॉर्वे, स्वीडन और आइसलैंड में भी लोग इसे देख पा रहे हैं। नासा ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे केपी इंडेक्स जैसे भू–चुंबकीय संकेतकों का उपयोग कर यह पता लगाएं कि औरोरा देखने की संभावना कब और कहां सबसे अधिक होती है। साफ आसमान, कम रोशनी वाले क्षेत्र और उत्तर दिशा की ओर देखने से दृश्यता बेहतर होती है। हालांकि, इस तूफान (Geomagnetic Storm) ने तकनीकी प्रणालियों की कमजोरी भी दिखा दी। कई उपग्रहों में अस्थायी संचार व्यवधान आए, एयरलाइंस को कुछ ध्रुवीय मार्गों से उड़ानें मोड़नी पड़ीं, और जीपीएस में भी त्रुटियां देखने को मिलीं।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे भू–चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) अधिक समय तक बने रहें तो बिजली की तारों में अनियंत्रित करंट प्रवाह से ट्रांसफॉर्मरों को नुकसान तक पहुंच सकता है। यह स्थिति 2003 के हैलोवीन स्टॉर्म्स जैसी हो सकती है। वैज्ञानिकों की चेतावनी है कि यह घटना शुरुआत भर हो सकती है, क्योंकि आने वाले महीनों में सूर्य की गतिविधियां और बढ़ेंगी। कुछ stealth CMEs ऐसे होते हैं जो शुरुआती निरीक्षण से बच जाते हैं, लेकिन पृथ्वी पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञ बेहतर वैश्विक निगरानी और देशों के बीच तेज डेटा-साझा करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सामान्य लोगों के लिए खतरा बहुत कम होता है, लेकिन सलाह दी जाती है कि जीपीएस पर पूरी तरह निर्भर न रहें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सर्ज प्रोटेक्टर्स से चलाएं और अंतरिक्ष मौसम के अपडेट्स देखते रहें। औरोरा देखने वाले लोग शहर की रोशनी से दूर खुले इलाकों में जाएं ताकि इस दुर्लभ दृश्य का आनंद ले सकें।