Garima Vishwakarma
24 Dec 2025
भोपाल। पीपुल्स समाचार और People’s Update की खबर का असर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भोपाल के अयोध्या बायपास रोड चौड़ीकरण प्रोजेक्ट में पेड़ों की कटाई पर अगली सुनवाई तक पूरी तरह रोक (Stay) लगा दी। यह फैसला न सिर्फ पर्यावरण के संरक्षण के लिए अहम है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी बड़ी राहत की खबर साबित हुआ है। यह भी पढ़ें: हरियाली की हत्या : भोपाल का अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट मामला NGT में, फिर भी CEC ने NHAI को दे दी 7,881 पेड़ काटने की मंजूरी

सुनवाई जस्टिस पुष्पा सत्यनारायणा और एक्सपर्ट मेंबर सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ द्वारा की गई। एनजीटी ने स्पष्ट किया कि जब तक पेड़ों की कटाई और वैकल्पिक उपायों पर गठित सेंट्रली एम्पावर्ड कमेटी (CEC) की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होती, तब तक किसी भी पेड़ को काटने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बता दें कि अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट लगभग 16 किलोमीटर लंबी 10-लेन सड़क से संबंधित है। इस सड़क निर्माण के लिए अनुमान है कि 8,000 से 12,000 पेड़ों की कटाई की जानी है। याचिकाकर्ता नितिन सक्सेना ने आरोप लगाया कि यह प्रोजेक्ट ‘मध्य प्रदेश वृक्षों का परिरक्षण (नगरीय क्षेत्र) अधिनियम, 2001’ और ट्रिब्यूनल के पिछले निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।
ट्रिब्यूनल ने पाया कि पेड़ों की कटाई के वैकल्पिक रास्तों और प्रतिपूरक वनीकरण (Compensatory Afforestation) पर विचार करने के लिए गठित CEC की बैठक के नतीजे अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। NGT ने कहा कि इस वजह से पेड़ों की कटाई पर रोक लगाना जरूरी है।

चूंकि CEC कमेटी की बैठक के मिनट्स अभी तक पेश नहीं किए गए हैं, इसलिए अगली सुनवाई तक परियोजना स्थल पर पेड़ों की कटाई या फेलिंग पर पूर्ण रूप से रोक रहेगी। हालांकि, NGT ने यह भी स्पष्ट किया कि NHAI सड़क निर्माण का अन्य काम बिना पेड़ों को काटे जारी रख सकता है।
मामले की अगली सुनवाई 08 जनवरी, 2026 को होगी। ट्रिब्यूनल का यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा और नियमों के पालन को सुनिश्चित करता है। लोगों के लिए यह राहत की खबर है कि पेड़ों की कटाई रोक दी गई है और परियोजना की जिम्मेदारी पर्यावरण संरक्षण के साथ निभाई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, 12 दिसंबर को स्टेट इम्पावरमेंट कमेटी की बैठक हुई और उसी दिन या बेहद कम समय में NHAI को पेड़ काटने की अनुमति दे दी गई। लोगों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर अनुमति देने से पहले विस्तृत पर्यावरणीय आकलन और जनसुनवाई जरूरी होती है।
NGT का यह निर्णय यह संदेश देता है कि सरकारी परियोजनाओं में पर्यावरण नियमों का पालन अनिवार्य है। सड़क विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों को साथ चलाना जरूरी है। आम नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत और जीत की तरह है।

भोपाल का अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट आधुनिक सड़क परियोजनाओं में से एक है। लेकिन पेड़ों की कटाई और पर्यावरणीय नियमों के पालन पर एनजीटी ने सख्त रुख अपनाया है। अब सबकी नजर 08 जनवरी, 2026 को होने वाली अगली सुनवाई पर होगी, जो यह तय करेगी कि परियोजना किस दिशा में आगे बढ़ेगी।