Shivani Gupta
8 Nov 2025
Aakash Waghmare
7 Nov 2025
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए फेडरल रिजर्व गवर्नर लिसा कुक को उनके पद से हटा दिया। यह अमेरिका के इतिहास में पहला मौका है जब किसी फेडरल रिजर्व गवर्नर को राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त किया गया है। इस फैसले का असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी दिखा, जहां डॉलर येन, यूरो और पाउंड के मुकाबले कमजोर हो गया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि “लिसा कुक को तत्काल प्रभाव से फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से हटाया जा रहा है।” इस कदम से फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। माना जा रहा है कि यह विवाद अब अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है।

ऐसा करना कानून का उल्लंघन है और इसे मॉर्गेज फ्रॉड माना जाता है। पुल्टे का तर्क था कि “जो महिला ब्याज दर बचाने के लिए गलत दावा कर सकती है, वह देश की ब्याज दरों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी कैसे निभा सकती है।”
20 अगस्त को पुल्टे ने इस मामले को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) को क्रिमिनल रेफरल भेजा। इसके बाद DOJ के वकील एड मार्टिन ने फेड चेयर जेरोम पॉवेल को पत्र लिखकर कुक को तुरंत हटाने की मांग की।
ट्रंप ने भी 22 अगस्त को ऐलान किया था कि अगर कुक इस्तीफा नहीं देंगी, तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। आखिरकार, 26 अगस्त को राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।
लिसा कुक ने ट्रंप की कार्रवाई से पहले बयान दिया था कि वह “किसी ट्वीट या राजनीतिक दबाव के आधार पर इस्तीफा नहीं देंगी।” उन्होंने कहा कि यह मामला उनके फेडरल रिजर्व में शामिल होने से पहले का है और वह तथ्यों के साथ अपनी सफाई देंगी। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने उनके जवाब का इंतजार नहीं किया और सीधे कार्रवाई कर दी।
लिसा कुक को मई 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फेडरल रिजर्व बोर्ड का गवर्नर नियुक्त किया था। वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत महिला थीं। उनका कार्यकाल 2038 तक तय था। इससे पहले वह बराक ओबामा प्रशासन में काउंसिल ऑफ इकोनॉमिक एडवाइजर्स का हिस्सा रह चुकी थीं।