Shivani Gupta
8 Nov 2025
Naresh Bhagoria
8 Nov 2025
Naresh Bhagoria
8 Nov 2025
भोपाल। श्योपुर जिले के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में अगले माह चीतों का कुनबा बढ़ने जा रहा है। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में 8 चीते बोत्सवना से लाए जा रहे हैं। इधर, पार्क प्रबंधन ने इन्हें रखने की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इस समय कूनो में 25 चीते है, जिन्हें 9 व्यस्क और 16 शावक हैं। इन चीतों को भारत लाने से पहले बोत्सवाना में क्वारेंटाइन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने दक्षिणी अफ्रीकी देश के साथ एक औपचारिक समझौता किया है। इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में 2-3 महीने के लिए क्वारेंटाइन रखा जाएगा, इसके बाद उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा।
दुनिया का अनोखा 'प्रोजेक्ट चीता' भारतीय सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य चीते को भारत में उसकी ऐतिहासिक सीमा में फिर से स्थापित करना है, जहां यह 1952 में विलुप्त हो गया था। दो साल पहले नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीते दो अलग-अलग खेप में लाए गए थे। इनमें से चार चीतों को गांधी सागर सेंक्चुरी में छोड़ा गया है। अभी कूनो में 25 चीते हैं, इनमें से 16 शावक हैं। इस बीच, पांच सदस्यीय दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को कुनो नेशनल पार्क के मैदानी दौरे के बाद मध्यप्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य का भी दौरा किया। एपीसीससीएफ चीता प्रोजेक्ट कूना पार्क उत्तम कुमार शर्मा का कहना है कि बोत्सवना से चीते आने को लेकर डेट फाइनल नहीं हुई है। इसके बावजूद हमारी तैयारियां पहले से जारी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में एक खास बाड़े में छोड़ा, जो चीतों का दुनिया का पहला अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण था। भारत ने बाद में फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते आयात किए। इस महत्वाकांक्षी पुनःस्थापन कार्यक्रम के तीन साल बाद, देश में अब 27 चीते हैं, जिनमें से 16 भारत की धरती पर पैदा हुए हैं। इनमें से 24 कूनो में और तीन गांधी सागर सेंक्चुरी में हैं। परियोजना शुरू होने के बाद से अब तक 19 चीतों - नौ आयातित वयस्क और भारत में पैदा हुए 10 शावकों की अलग-अलग वजहों से मौत हो चुकी है, जबकि कूनो में अब तक 26 शावक पैदा हुए हैं।