Priyanshi Soni
5 Nov 2025
भारतीय अंतरिक्ष अननसंधान संगठन (ISRO) ने देश के नए मिशन का जिक्र करते हुए जानकादी दी है। इसरो ने कहा कि देश अब मंगल पर उतरने के लिए बड़े कदम तेजी से बड़ा रहा है। इसके के अध्यक्ष डॉ. डी.वी नारायणन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 'मंगलयान 2 मिशन' वर्ष 2030 में लॉन्च किया जाएगा। जिससे यह भारत का पहला मार्स लैंडिंग मिशन बनेगा।
भारत एशिया का पहला देश है जो मंगल की कक्षा (MARS ORBIT) में पहुंचा है।
दुनिया का पहला देश, पहले प्रयास में ही हासिल किया मंगले में पहुंचने का मुकाम।
साल 2013 में लॉन्च हुए मिशन गगनयान की शोध स्टडी ने बटौरी चर्चाएं, दुनियाभर को गौरवान्वित किया।
वर्ष 2022 में ईंधन खत्म होने के कारण संपर्क टूटा थ, जबकि निर्धारित आयु सिर्फ 6 महीने थी।
मंगलयान 7 सालों तक काम में जुटा और मंगल के वातावरण, जलवायु और सतह से जुड़ा जरूरी डेटा भेजा।
मंगलयान-2 मिशन कितना अलग होगा।
बता दें मंगलयान-2 मिशन पहले मिशन की तुलना में कहीं अधिक जटिल और तकनीकी रूप से बना हुआ होगा। मिशन का मुख्य फोकस मंगल में सॉफ्ट लैंडिंग का है।
ऑर्बिटर मंगल के सतह और वातावरण का अध्ययन करेगा।
लैंडर मंगल की सतह पर उतरने के लिए डिजाइन किया गया है।
हाई प्रिसीजन नेविगशन और गाइडेंस सिस्टम
डीप स्पेस यात्रा के लिए एडवांस प्रिपल्शन सिस्टम
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह भारत की गहरी अंतरिक्ष तकनीक और स्वायत्त नेविगेशन क्षमता को नई दिशा देगा। जिससे मंगलयान-2 न सिर्फ वैज्ञानिक क्षमता की ताकत बताएगा बल्कि यह देश की अंतरिक्ष आत्मनिर्भरता और वैश्विक पहचान का प्रतीक भी बनेगा। अपने 2013 के मंगलयान की तरह यह मिशन भी दुनिया को एक बार फिर भारत की ताकत का परिचय करवाएगा। और स्पष्ट करेगा कि सीमित संसाधनों के बाद भी असंभव को संभव कर सकता है।