Manisha Dhanwani
20 Oct 2025
Mithilesh Yadav
20 Oct 2025
नई दिल्ली। दिवाली की खुशियों के बीच राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में देर रात तक लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। इसका असर 21 अक्टूबर की सुबह साफ तौर पर दिखा। इसी वजह से पूरी दिल्ली एक बार फिर ‘गैस चैंबर’ में बदल गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 21 अक्टूबर की सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 531 तक पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी से भी ज्यादा खतरनाक स्तर माना जाता है। यह स्थिति सामान्य लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।
राजधानी के ज्यादातर हिस्सों में प्रदूषण का स्तर ‘रेड जोन’ में पहुंच गया है।
नरेला - 551 (सबसे ज़्यादा)
अशोक विहार - 493
आनंद विहार - 394
गाजियाबाद - 402
नोएडा - 369
चंडीगढ़ - 158 (तुलनात्मक रूप से बेहतर)
दिल्ली में हवा का यह स्तर सांस लेने योग्य भी नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा जैसी श्वसन बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में केवल रात 8 से 10 बजे तक “ग्रीन पटाखे” चलाने की परमिशन दी थी। लेकिन राजधानी में इस नियम का उल्लंघन किया गया। लोग आधी रात तक पटाखे फोड़ते रहे, जिससे हवा में जहरीले धुएं और धूलकणों की मात्रा कई गुना बढ़ गई। CPCB की रिपोर्ट के मुताबिक, 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषण का स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया।
दिल्ली और NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है।
GRAP-II के तहत:
GRAP-I पहले ही लागू है। जिसके तहत धूल नियंत्रण, सड़क पर पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का उपयोग किया जा रहा है।
तेजी से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि, शहर में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश की तैयारी पूरी कर ली गई है। जैसे ही मौसम विभाग हरी झंडी देगा, कुछ चुनिंदा इलाकों में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी, ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के बाद हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इससे दिल्ली-NCR की हवा और अधिक प्रदूषित हो गई है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के नियमों के तहत जुर्माना लगाने का प्रावधान-
हालांकि, इन नियमों के बावजूद पराली जलाने की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी में हवा की रफ्तार 5-8 किमी/घंटा रहेगी, जो प्रदूषण कम करने के लिए पर्याप्त नहीं है। तेज हवाएं या बारिश न होने की वजह से स्मॉग और धूल के कण हवा में ही बने रहेंगे। आने वाले दो-तीन दिन तक दिल्ली-NCR को राहत मिलने की संभावना बहुत कम है।