Aakash Waghmare
12 Dec 2025
गुना। जिले की राजनीति इन दिनों एक अप्रत्याशित मुलाकात को लेकर गरमाई हुई है। दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी नेताओं का एक साथ दिखना न केवल स्थानीय हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि इसकी गूंज राजधानी भोपाल तक सुनाई दे रही है। हालांकि दोनों पक्षों के समर्थक इसे संयोगवश हुई एक शिष्टाचारता मुलाकात बताते हैं, फिर भी राजनीतिक विश्लेषकों में उत्सुकता कम नहीं हुई है।
दरअसल, गुना के दो प्रभावशाली और लंबे समय से आमने-सामने खड़े रहे चेहरे एक विवाह समारोह के दौरान अचानक आमने-सामने आ गए। कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और कांग्रेस के युवा नेता व राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने एक-दूसरे से पहले हाथ मिलाया और फिर गर्मजोशी से गले भी लगे। यह दृश्य देखते ही समारोह में मौजूद लोग और वहां तैनात कैमरों की नज़रें दोनों नेताओं पर टिक गईं।
यह मुलाकात इसलिए और अधिक सुर्खियों में है क्योंकि महेंद्र सिंह सिसोदिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं, जबकि जयवर्धन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पुत्र हैं। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद से दोनों गुटों के संबंधों में कड़वाहट बढ़ी है और कई बार दोनों नेताओं की ओर से तीखे बयान भी सामने आते रहे हैं।
इसी वजह से सोशल मीडिया पर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ औपचारिकता थी या गुना की राजनीति में कोई नया समीकरण बन रहा है? राजनीति में रिश्तों का बदलना आम बात है, लेकिन इस अप्रत्याशित ‘झप्पी’ ने विरोधियों को सतर्क और समर्थकों को जिज्ञासु कर दिया है। हालांकि न तो सिसोदिया और न ही जयवर्धन सिंह ने इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक टिप्पणी की है। उनके समर्थक इसे सामान्य मुलाकात बता रहे हैं, लेकिन जिले में इस संभावित नए अध्याय को लेकर चर्चाओं का बाजार जरूर गर्म है।