Naresh Bhagoria
19 Dec 2025
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। गुरुवार से प्रदूषण रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए गए, लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार को लगातार छठे दिन हवा (Delhi Air Pollution) बेहद खराब बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह करीब 8 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 387 दर्ज किया गया।
Delhi Air Pollution की वजह से आम जनजीवन, यातायात और हवाई सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालात स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं।
गुरुवार शाम 4 बजे AQI 373 था, जबकि शुक्रवार सुबह यह और बढ़ गया। आईटीओ, गाजीपुर, पालम और ग्रेटर नोएडा समेत कई इलाकों में घना स्मॉग छाया रहा। शहर के ज्यादातर हिस्सों में सांस लेना मुश्किल हो गया है।

खराब विजिबिलिटी के चलते दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर शुक्रवार को पूरे दिन के लिए 152 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं। इनमें 79 डिपार्चर और 73 अराइवल फ्लाइट्स शामिल हैं, जबकि 4 इंटरनेशनल उड़ानें भी रद्द हुईं। एअर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इससे पहले गुरुवार को विजिबिलिटी 100 मीटर से कम होने के कारण 27 उड़ानें रद्द हुईं और 100 से ज्यादा फ्लाइट्स देरी से चलीं।
घने स्मॉग और कोहरे का असर रेल यातायात पर भी पड़ा। गुरुवार को 80 से अधिक ट्रेनें देरी से चलीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई।
दिल्ली में गुरुवार से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत-
एक ही दिन में 3746 वाहनों के चालान काटे गए। ‘नो PUC-नो फ्यूल’ नियम के तहत 3,700 गाड़ियों पर कार्रवाई हुई और 570 वाहन बॉर्डर से वापस भेजे गए।
सख्ती के बाद पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की मांग में तेज बढ़ोतरी हुई है। 17 और 18 दिसंबर के बीच 61,000 से ज्यादा नए PUC सर्टिफिकेट जारी किए गए। अधिकारियों का कहना है कि इससे बाहरी वाहनों की एंट्री में साफ कमी आई है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि, GRAP-4 लागू होने के बाद सड़कों पर वाहनों की संख्या में कमी आई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने समीक्षा बैठक में बताया कि जमीनी स्तर पर इन उपायों का सकारात्मक असर दिख रहा है। सरकार CAQM के निर्देशों का पूरी तरह पालन कर रही है।
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि हाई AQI और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधे संबंध का कोई ठोस आंकड़ा सरकार के पास नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि वायु प्रदूषण सांस से जुड़ी बीमारियों का बड़ा कारण है।
सरकार ने साफ किया है कि, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों और गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। वाहन मालिकों से अपील की गई है कि वे अपने PUC सर्टिफिकेट अपडेट रखें, ताकि जुर्माने और परेशानी से बचा जा सके।
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