Manisha Dhanwani
18 Dec 2025
दिल्ली की हवा इन दिनों सांस लेना मुश्किल कर रही है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। 18 दिसंबर से राजधानी में कई सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा। सरकार का साफ कहना है अब लापरवाही नहीं चलेगी।
अब दिल्ली में किसी भी वाहन को पेट्रोल, डीजल या CNG तभी मिलेगी, जब उसके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यानी PUC होगा। जिन गाड़ियों के पास PUC नहीं है, उन्हें पेट्रोल पंप से खाली हाथ लौटना पड़ेगा।
सरकार ने सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिए हैं कि फ्यूल डालने से पहले PUC की वैधता जरूर जांचें। इसके लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा रहे हैं और मौके पर टीम भी तैनात रहेगी। अगर कोई वाहन बिना PUC के फ्यूल लेते पकड़ा गया, तो जुर्माना और कानूनी कार्रवाई तय है।
प्रदूषण कम करने के लिए ट्रैफिक घटाना जरूरी है। इसी वजह से दिल्ली सरकार ने सरकारी और निजी दोनों तरह के ऑफिस के लिए 50% वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है।
इस नियम के तहत आधे से ज्यादा कर्मचारी ऑफिस नहीं आएंगे और घर से काम करेंगे। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी और मजदूरों को इस आदेश से छूट दी गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि जो संस्थान इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
दिल्ली के बाहर से आने वाले गैर-BS6 वाहनों को अब राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। गुरुवार से यह नियम सख्ती से लागू हो गया है। दिल्ली के सभी बॉर्डर और एंट्री प्वाइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें तैनात की गई हैं। नियम तोड़ने वालों को मौके पर ही रोका जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
सरकार सिर्फ आदेश जारी करके नहीं रुकी है, बल्कि जमीनी स्तर पर भी पूरी तैयारी की गई है। नियमों को लागू कराने के लिए पूरे दिल्ली में 580 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 126 चेक प्वाइंट बनाए गए हैं और 37 ‘प्रखर’ वैन शहर में गश्त करेंगी। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी सीधे पेट्रोल पंपों पर मौजूद रहेंगे, ताकि PUC नियमों का सही तरीके से पालन हो सके।
प्रदूषण बढ़ाने वाले निर्माण कार्यों पर भी सरकार ने ब्रेक लगाया है। कंस्ट्रक्शन से जुड़ा सामान ले जाने वाले वाहनों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। साथ ही PWD ने सड़कों पर गड्ढों की निगरानी के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। अब थर्ड पार्टी एजेंसी सर्वे करेगी और 72 घंटे के अंदर मरम्मत करवाई जाएगी, ताकि धूल से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके।
दिल्ली सरकार ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेने जा रही है। इसके लिए गूगल मैप के साथ साझेदारी पर चर्चा चल रही है। योजना है कि ट्रैफिक सिग्नल और रियल-टाइम डेटा को जोड़कर जाम वाले इलाकों की पहचान की जाए। सरकार कम से कम 100 नए ट्रैफिक हॉटस्पॉट चिन्हित कर वहां समाधान लागू करना चाहती है।
ये सभी सख्त कदम GRAP स्टेज-4 के तहत लागू किए गए हैं। जब तक यह स्टेज लागू रहेगा, तब तक ये नियम अपने-आप लागू रहेंगे। अगर भविष्य में GRAP-4 दोबारा लागू होता है, तो अलग से आदेश जारी करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार का दावा है कि इन फैसलों से दिल्ली की हवा को कुछ राहत मिलेगी।