Aakash Waghmare
22 Nov 2025
Manisha Dhanwani
22 Nov 2025
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Aakash Waghmare
22 Nov 2025
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने भ्रष्टाचार से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया। जैसे ही उन्होंने बिल रखा, विपक्षी दलों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसद ‘संविधान को मत तोड़ो’ जैसे नारे लगाने लगे और कुछ सांसदों ने कागज फाड़कर अमित शाह की ओर फेंक दिए।
हंगामे के बीच अमित शाह ने कहा कि कानून सबके लिए समान है और अगर यह बिल पास होता है तो मंत्री स्तर पर जवाबदेही और कड़ी हो जाएगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उन पर भी झूठे आरोप लगे थे और उन्होंने अदालत से निर्दोष साबित होने तक इस्तीफा दिया था।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, ओवैसी, समाजवादी पार्टी और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने बिल का विरोध किया। मनीष तिवारी ने कहा कि इसका राजनीतिक दुरुपयोग हो सकता है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी विरोध किया और अमित शाह के गुजरात में मंत्री रहते गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया। इस पर अमित शाह ने दोहराया कि उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था।
इस विधेयक का उद्देश्य है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी आपराधिक मामले में फंसता है, तो उसे 30 दिनों के भीतर पद छोड़ना होगा। सरकार का कहना है कि यह प्रावधान राजनीतिक नैतिकता और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करेगा।
विपक्ष ने सरकार पर संविधान से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया और जोरदार विरोध किया। लगातार शोरगुल और नारेबाजी की वजह से लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।