Aakash Waghmare
22 Nov 2025
Manisha Dhanwani
22 Nov 2025
Manisha Dhanwani
22 Nov 2025
Aakash Waghmare
22 Nov 2025
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की जांच के तहत हुई है।
ईडी ने यह कार्रवाई भिलाई स्थित उनके आवास पर सुबह छापेमारी के बाद की। गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 22 जुलाई तक 5 दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया। कोर्ट में पेशी के दौरान भूपेश बघेल, चरणदास महंत और मोहम्मद अकबर समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
गिरफ्तारी के दिन ही चैतन्य बघेल का जन्मदिन भी था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी को भेजा गया था। इस बार मेरे बेटे के जन्मदिन पर। मोदी-शाह अपने मालिक को खुश करने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। भूपेश बघेल न झुकेगा, न डरेगा।”
बघेल ने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र के अंतिम दिन जब वह सदन में अडाणी ग्रुप द्वारा रायगढ़ जिले की तमनार तहसील में पेड़ कटाई का मुद्दा उठाने वाले थे, उसी समय उनके घर पर ईडी की छापेमारी की गई।
ईडी की जांच के अनुसार, छत्तीसगढ़ में यह कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। ईडी ने कहा है कि इस घोटाले में राज्य सरकार को 2100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ और यह पूरा खेल एक संगठित शराब सिंडिकेट के जरिए किया गया। इस सिंडिकेट में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर जैसे नाम शामिल हैं।
ईडी ने दावा किया कि इस सिंडिकेट ने शराब की अवैध बिक्री से जो मोटी कमाई की, उसे राज्य के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के निर्देशों के अनुसार विभिन्न स्तरों पर बांटा गया।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया। ईडी का कहना है कि उन्हें चैतन्य बघेल से जुड़ी कंपनियों में करीब 17 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (proceeds of crime) के सबूत मिले हैं। इसके साथ ही, चैतन्य करीब 1070 करोड़ रुपये की संदेहास्पद राशि और उसके उपयोग को लेकर भी ईडी की जांच के दायरे में हैं। ईडी का आरोप है कि उन्होंने इस मामले में सहयोग नहीं किया, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई।
ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाया जा रहा है। भूपेश बघेल ने कहा, हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हम ईडी की जांच में सहयोग करेंगे, लेकिन केंद्र की बदले की राजनीति को बेनकाब करते रहेंगे।