Mithilesh Yadav
22 Oct 2025
धर्म डेस्क। कार्तिक मास के पावन त्यौहारों के बीच, लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 2025 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। तिथियों को लेकर बनी भ्रांति के बीच हम आपको सूर्योपासना के इस चार दिवसीय कठिन व्रत की सही तारीखें, चरण और शुभ मुहूर्त बता रहे हैं। यह महापर्व सौभाग्य, संतान सुख और आरोग्य की कामना के लिए 36 घंटे के निर्जला उपवास के साथ मनाया जाता है।
बता दें कि, महापर्व छठ पूजा 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। यह चार दिनों का व्रत सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है, जिसमें स्वच्छता और कठोर तपस्या का विशेष महत्व होता है।
यह छठ पूजा की शुरुआत है। इस दिन व्रती (व्रत करने वाले) पवित्र नदी या घर में स्नान करके नए वस्त्र धारण करते हैं। व्रत शुरू करने से पहले सात्विक भोजन में मुख्य रूप से लौकी-भात और चने की दाल का सेवन किया जाता है। इसी भोजन के साथ व्रत की शुरुआत मानी जाती है।
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं। शाम को सूर्यास्त के बाद, गुड़ और चावल की खीर, पूड़ी और फलों का प्रसाद बनाकर छठी मैया को अर्पित किया जाता है। व्रती इस प्रसाद (खरना) का सेवन करके अपना दिन का व्रत खोलते हैं। प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटे का कठोर निर्जला व्रत आरंभ हो जाता है।
यह छठ पूजा का सबसे मुख्य दिन है, जो कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को पड़ता है। इस दिन व्रती किसी पवित्र नदी या घाट पर इकट्ठा होते हैं। सूप में ठेकुआ, फल, गन्ना और अन्य पारंपरिक प्रसाद सजाकर डूबते हुए सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा का समापन अंतिम दिन, सप्तमी तिथि को होता है। इस दिन व्रती फिर से घाट पर जाकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह सूर्य की पहली किरण की पूजा करने का प्रतीक है। अर्घ्य देने के बाद, व्रती प्रसाद का सेवन करके 36 घंटे का निर्जला व्रत खोलते हैं (पारण)। इसी के साथ चार दिवसीय महापर्व का समापन हो जाता है।
व्रत का तीसरा दिन यानी 27 अक्टूबर 2025, सोमवार को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त शाम 05:10 बजे से शाम 05:58 बजे तक रहेगा। व्रती इसी शुभ समय में नदी या घाट पर खड़े होकर सूप और डाला में रखे प्रसाद के साथ सूर्य देव को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे।
छठ पूजा का समापन 28 अक्टूबर 2025, मंगलवार को प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ होगा। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त प्रातः 05:33 बजे से सुबह 06:30 बजे तक बताया गया है। इस अर्घ्य के बाद ही, व्रती अपना 36 घंटे का निर्जला व्रत खोलकर पारण करेंगे, जिससे यह महापर्व संपन्न हो जाएगा।
पंडितों के अनुसार, छठ व्रत 2025 के इन खास दिनों पर ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है। शुभ मुहूर्त में भगवान भास्कर (सूर्य) को अर्घ्य देने और छठी मैया की उपासना करने से हर कार्य फलदायी होता है। यह पर्व स्वच्छता, शुद्धता और पावनता की बड़ी महिमा रखता है, जिसके गीतों से घर-घर का माहौल ओजमय हो जाता है। 28 अक्टूबर को प्रात:कालीन अर्घ्य के बाद व्रती पारण कर अपना 36 घंटे का अनुष्ठान समाप्त करेंगे।