Priyanshi Soni
4 Nov 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (29 अगस्त, 2025) को जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से 15वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने निवेश, व्यापार, तकनीक और सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा की। बैठक में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान ने अगले 10 सालों में भारत में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि निवेश, इनोवेशन, पर्यावरण, तकनीक, स्वास्थ्य और लोगों के बीच आदान-प्रदान हमारे सहयोग का आधार होंगे।
पीएम मोदी ने जापानी कंपनियों से अपील की कि वे भारत में निर्माण करें और पूरी दुनिया के लिए उत्पाद बनाएं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप और छोटे उद्योगों को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
दोनों देशों ने हरित ऊर्जा, टिकाऊ ईंधन और बैटरी सप्लाई चेन पर मिलकर काम करने का फैसला लिया। सेमीकंडक्टर, दुर्लभ खनिज और डिजिटल टेक्नोलॉजी को सहयोग का अहम हिस्सा बनाया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि जापानी तकनीक और भारतीय प्रतिभा मिलकर एक मजबूत संयोजन बनाएंगे।
भारत और जापान हाई-स्पीड रेल, बंदरगाह, विमानन और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से काम करेंगे। इसके अलावा, चंद्रयान-5 मिशन में भी ISRO और जापानी स्पेस एजेंसी JAXA मिलकर काम करेंगे।
रक्षा उद्योग और इनोवेशन को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। साथ ही अगले 5 सालों में 5 लाख लोगों के आपसी मानव संसाधन आदान-प्रदान की योजना बनाई गई है। इनमें से 50 हजार भारतीय जापान की अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान की साझेदारी सिर्फ दिल्ली और टोक्यो तक सीमित नहीं रहेगी। यह व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और संस्कृति के नए अवसर खोलेगी और दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा बनाएगी।