Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
नई दिल्ली। केंद्र सरकार एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए अगले दो हफ्ते में रोड शो शुरू करने वाली है। सूत्रों के अनुसार विनिवेश के पहले चरण में सरकार एलआईसी में 2.5 से 3 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के लिए मोतीलाल ओसवाल और आईडीबीआई कैपिटल को बैंकर्स नियुक्त किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एलआईसी के ओएफएस के पहले चरण में शेयर की कीमत रोड शो के बाद तय की जा सकती है। 13 अगस्त को कारोबार के दौरान एलआईसी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली । सरकार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचकर पहले चरण में 14,000-17,000 करोड़ रुपए जुटा सकती है। इस समय एलआईसी में सरकार की 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एलआईसी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग 3.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने के लिए 16 मई, 2027 का समय दिया है। इस महीने की शुरुआत में एलआईसी ने जून तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था। कंपनी का प्रॉफिट इस दौरान 5 फीसदी बढ़ा। इसमें पॉलिसी के रिन्यूएल से प्रीमियम में हुए इजाफा का हाथ रहा है। प्रोडक्ट मिक्स की वजह से मार्जिन में भी इजाफा हुआ। एलआईसी का टैक्स बाद प्रॉफिट बढ़कर 10,987 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान अवधि में यह 10,461 करोड़ रुपये था। कंपनी की नेट प्रीमियम इनकम में भी करीब 5 फीसदी का इजाफा हुआ। यह 1.19 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई। इसमें पॉलिसी रिन्यूएल की वजह से प्रीमियम में 6 फीसदी वृद्धि का हाथ है। कंपनी का सॉलवेंसी रेशियो बढ़कर 2.17 हो गया।
एलआईसी 2022 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी। इसके आईपीओ को अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। लेकिन, लिस्टिंग के बाद से शेयरों का रिटर्न नहीं के बराबर रहा है। इससे इनवेस्टर्स को काफी निराशा हुई है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे शेयरों का प्रदर्शन बेहतर रह सकता है। एलआईसी ने मई 2022 में 21000 करोड़ रुपए का आईपीओ पेश किया था। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है। हुंडई ने इससे बड़ा आईपीओ पिछले साल पेश किया । सेबी ने पहले एलआईसी को कम से कम 10 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग की शर्त पूरी करने के लिए मई 2024 का समय दिया था। बाद में इसे बढ़ाकर मई 2027 कर दिया गया। इसी वजह से कंपनी अपनी होल्डिंग घटाने की कोशिश शुरू कर दी है।