Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए आईपीएस अधिकारी अनीश दयाल सिंह को नए उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy NSA) के रूप में नियुक्त किया है। वे मणिपुर कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए। अनीश दयाल सिंह को विशेष रूप से आंतरिक सुरक्षा मामलों का दायित्व सौंपा गया है।
अनीश दयाल सिंह का करियर तीन दशक से अधिक का रहा है। उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में लगभग 30 वर्षों तक काम किया, जहां वे आंतरिक सुरक्षा और इंटेलिजेंस ऑपरेशंस में गहराई से जुड़े रहे। इसके अलावा उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और हाल ही में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक के रूप में भी सेवा दी है।
सीआरपीएफ प्रमुख रहते हुए उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में कई ठोस कदम उठाए। उनके कार्यकाल में 30 से अधिक अग्रिम परिचालन ठिकानों (Forward Operating Bases) की स्थापना की गई और चार नई बटालियनें तैनात की गईं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का सफल संचालन भी किया।
उप एनएसए के रूप में अनीश दयाल सिंह को देश के जम्मू-कश्मीर, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर उग्रवाद जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़े आंतरिक मामलों की जिम्मेदारी दी गई है। इन क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा चुनौतियां बनी रहती हैं, और ऐसे में उनका अनुभव सरकार की रणनीतियों को मजबूत आधार देगा।
डिप्टी NSA के तौर पर अनीश दयाल सिंह, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल के साथ काम करेंगे। उनका काम देश की सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर रणनीतिक सलाह देना होगा। साथ ही, उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) जैसी अन्य एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेशन भी करना होगा ताकि सुरक्षा से जुड़ी किसी भी चुनौती का त्वरित और सटीक समाधान निकाला जा सके।
अनीश दयाल सिंह की नियुक्ति के साथ ही भारत के पास अब कुल चार डिप्टी NSA हैं। इनमें पूर्व RAW प्रमुख राजिंदर खन्ना अतिरिक्त NSA के रूप में हैं, जबकि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी टीवी रविचंद्रन और पूर्व IFS अधिकारी पवन कपूर अन्य दो उप NSA हैं।
यह नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब भारत कई तरह की सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। इनमें आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद और साइबर थ्रेट्स शामिल हैं। ऐसे में अनीश दयाल सिंह जैसे अनुभवी अधिकारी का डिप्टी NSA बनना भारत की सुरक्षा नीति को और मजबूत व प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।