Manisha Dhanwani
25 Nov 2025
Aakash Waghmare
24 Nov 2025
Aakash Waghmare
24 Nov 2025
ओटावा। कनाडा की राजधानी ओटावा में आयोजित एक अनौपचारिक ‘खालिस्तान रेफरेंडम’ ने भारत-कनाडा संबंधों में फिर तनाव बढ़ा दिया है। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) एक प्रतिबंधित और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संगठन द्वारा आयोजित इस वोटिंग के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने न केवल भारतीय तिरंगे का अपमान किया, बल्कि भारतीय प्रधानमंत्री और अधिकारियों के खिलाफ हिंसक नारे भी लगाए।
बता दें कि, ये लोग एक अनौपचारिक और गैर-कानूनी वोटिंग में हिस्सा ले रहे थे। जिसे 'खालिस्तान रेफरेंडम' कहा जा रहा है। यह कार्यक्रम किसी भी रूप में कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन इसके माध्यम से पंजाब को भारत से अलग कर ‘खालिस्तान’ बनाने का सवाल लोगों से पूछा गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 नवंबर की सुबह से ही मैकनैब कम्युनिटी सेंटर के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होने लगे। ओंटेरियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक से आए सिखों का दावा है कि, 53,000 से अधिक लोग इस वोटिंग में शामिल हुए। लोग छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के साथ दो किलोमीटर लंबी कतार में खड़े दिखाई दिए। उनके हाथों में पीले रंग के खालिस्तान झंडे थे और भारत-विरोधी नारे लगातार लगाए जा रहे थे।
खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय तिरंगे को अपमानित किया और कई समूहों ने भारत के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य नेताओं के खिलाफ उग्र नारे लगाए। कुछ जगह वीडियो में भीड़ को ‘मार डालो’ जैसे भड़काऊ नारे लगाते हुए देखा गया, जिससे आयोजन की मंशा और कनाडा की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। इसी कार्यक्रम में SFJ के आतंकवादी प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने विदेश से सैटेलाइट संदेश भेजकर भीड़ को संबोधित किया।
इसी दौरान दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G20 सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने रिश्तों को सुधरने की दिशा में सकारात्मक पहल की, लेकिन SFJ ने इसे लेकर सवाल उठाए और कहा कि, जब कनाडा में अलगाववादी गतिविधियां हो रही हैं, तब कनाडाई पीएम भारतीय पीएम से क्यों मिले? भारत ने इस पूरे आयोजन को अवैध और भारत की संप्रभुता पर हमला बताया।
इन तनावपूर्ण घटनाओं के बीच, दोनों देशों ने दो साल से रुकी व्यापार वार्ता (Trade Deal) को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी और मार्क कार्नी की मुलाकात में यह निर्णय लिया गया। कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। क्रिटिकल मिनरल्स, मिनरल प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर एनर्जी पर खास फोकस रहेगा।
कनाडा पहले से ही भारत को यूरेनियम की सप्लाई कर रहा है। कनाडाई पीएम कार्नी ने भी एक्स पर लिखा कि, नई डील से दोनों देशों का व्यापार 70 बिलियन कनाडाई डॉलर तक जा सकता है।
खालिस्तान समर्थकों द्वारा तिरंगे के अपमान की यह पहली घटना नहीं है।
मार्च 2024- कैलगरी: तलवार और भालों से तिरंगे को काटा गया
अप्रैल 2025- सरे बैसाखी परेड: तिरंगे को सड़क पर घसीटा गया
नवंबर 2025- मॉन्ट्रियल: 500 से अधिक कारों की रैली में ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे
15 नवंबर- ओटावा: भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक के आवास के बाहर प्रदर्शन
इन घटनाओं से यह साफ होता है कि, कनाडा में मौजूद खालिस्तानी गुट लगातार भारत विरोधी माहौल भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।