Naresh Bhagoria
25 Nov 2025
मनीष दीक्षित, भोपाल। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) में लगे मंडीदीप के BLO रमाकांत पांडे (45) की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि वे चार रात से सो नहीं पाए थे। अधिकारियों के फोन और सस्पेंड होने के डर से तनाव में थे। रीवा के पुष्पराज नगर में भी सोमवार को BLO विजय पांडे की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि कई दिनों से हल्का बुखार था, बावजूद नोडल अधिकारी समय पर काम पूरा करने का दबाव बना रहे थे। राजधानी के एक सेंटर में तो सर्वे में लगे कर्मियों को बंधक बनाने की सूचना है।
SIR के तनाव में राजस्थान, गुजरात सहित देशभर में डेढ़ दर्जन BLO की मौत हो चुकी है। इनमें से 5 मप्र के हैं। BLO का कहना है, SIR का काम बेहद तनाव वाला है। इस बीच मप्र पिछड़ा वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संघ समेत तमाम संगठनों ने मांग उठाई है कि चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों के निधन पर 15 लाख की अनुग्रह राशि मिलती है। SIR चुनावी ड्यूटी का हिस्सा है, लेकिन यह लाभ नहीं दिया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा सर्वे में लगे कर्मचारियों को प्रोत्साहन स्वरूप एक विशेष वेतन वृद्धि स्वीकृत की जाए। बीएलओ घर-घर जाकर सुबह से शाम तक लगातार कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा उन पर अपने रूटीन कार्यों को भी पूरा करने का दबाव है।
राम विश्वास कुशवाहा, मप्र पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ
एसआईआर में लगे अधिकारी-कर्मचारियों की मृत्यु होने पर 15 लाख और गंभीर बीमार होने पर सरकारी खर्च पर इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए। इसे लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत सरकार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र और जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल को पत्र लिखा है।
उमाशंकर तिवारी, महामंत्री, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ भोपाल
समय सीमा में काम पूरा करने को लेकर बीएलओ पर भारी मानसिक दबाव है। हार्ट अटैक या अन्य कारणों से बीएलओ की असामयिक मौत होती है, तो परिवार को 50 लाख की राशि और उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान सरकार को तत्काल करना चाहिए।
सतीश शर्मा, अध्यक्ष, मप्र शिक्षक कांग्रेस