Mithilesh Yadav
25 Nov 2025
अयोध्या। आज मंगलवार, 25 नवंबर को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भगवा ध्वज फहराया। रिमोट के माध्यम से ध्वजारोहण किया गया, और मंदिर में जय श्रीराम और वैदिक नारों की गूंज से श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इसे सभी के लिए 'सार्थकता का दिवस' बताया और कहा कि जिन्होंने इस मंदिर के निर्माण में प्रयास और प्राण अर्पित किए, उनकी आत्मा आज तृप्त हुई होगी। उन्होंने इसे केवल मंदिर नहीं बल्कि राम राज्य के प्रतीक और देशभर में भक्ति उत्सव का प्रतीक बताया।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराने के साथ ही मंदिर निर्माण की शास्त्रीय प्रक्रिया पूरी हो गई। उन्होंने बताया कि राम राज्य का ध्वज, जो कभी अयोध्या में फहराता था और पूरे विश्व में शांति का प्रतीक था, आज फिर से शिखर पर विराजमान होता देखा गया। उन्होंने कहा कि यह ध्वज केवल प्रतीक है, बल्कि हमारी संस्कृति और विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है।
भागवत ने बताया कि इस धर्म ध्वज का रंग भगवा है और इसमें रघुकुल का प्रतीक वृक्ष भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ने लगातार 500 साल तक और बाद के आंदोलनों में अपने इस तत्व को सिद्ध किया। रामलला के आगमन के बाद मंदिर बन गया और अब यह भारतवर्ष धर्म, ज्ञान और छाया का संदेश पूरी दुनिया में फैलाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
मोहन भागवत ने उन अनगिनत लोगों को याद किया जिन्होंने इस मंदिर के निर्माण के लिए अपने प्राण अर्पित किए। उन्होंने अशोक सिंघल, महंत रामचंद्र दास महाराज, डालमिया जी और अन्य संतों तथा गृहस्थों के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि आज उनकी स्वर्गस्थ आत्मा तृप्त हुई होगी।
भागवत ने कहा कि जैसा सपना देखा गया था, उससे भी अधिक भव्य और सुंदर मंदिर बन गया है। उन्होंने बताया कि सारा विश्व धर्म से ही ठीक चलेगा और भगवा रंग उसी धर्म का प्रतीक है। ध्वज पर बने कोविदार वृक्ष के बारे में उन्होंने कहा कि यह रघुकुल की सत्ता का प्रतीक है और मन्दार-पारिजात जैसे देव वृक्षों के गुणों का समुच्चय दर्शाता है।
भागवत ने कहा कि आज का दिन हमारे संकल्प की पुनरावृत्ति का दिवस है। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण का सपना, प्रयास और बलिदान अब साकार हुआ है और इससे भारतवर्ष में धर्म, ज्ञान और भक्ति का संदेश पूरे विश्व में फैलाने का कार्य शुरू हो गया है।