Aakash Waghmare
24 Nov 2025
10 हजार साल बाद इथियोपिया का ज्वालामुखी अचानक फट पड़ा और इसके असर ने भारत तक की फ्लाइट्स को प्रभावित कर दिया। आसमान में उठा 10-15 किमी ऊंचा राख का गुबार विमान इंजनों के लिए खतरा बन गया, जिसके चलते इंडिगो की कन्नूर-अबू धाबी फ्लाइट को बीच रास्ते अहमदाबाद डायवर्ट करना पड़ा। वैज्ञानिक इसे अफ्रीका क्षेत्र की सबसे दुर्लभ और असाधारण घटना बता रहे हैं।
कन्नूर से अबू धाबी जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 1433 को राख के बादल के खतरे के कारण अहमदाबाद भेज दिया गया। एयरलाइन ने बताया कि विमान सुरक्षित रूप से अहमदाबाद उतारा गया। सभी यात्री और क्रू मेंबर सुरक्षित हैं। यात्रियों को वापस कन्नूर लाने के लिए स्पेशल रिटर्न फ्लाइट चलाई जाएगी। एयरलाइन ने स्थिति को असामान्य बताते हुए यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।
ज्वालामुखी की राख हवा में फैलकर विमान इंजन को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए कुछ फ्लाइट्स के रूट पहले ही बदले जा चुके हैं। एयरलाइंस इंटरनेशनल एविएशन प्रोटोकॉल के तहत अलर्ट पर हैं। अकासा एयर ने भी यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च बताते हुए स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग जारी रखी है।
रविवार सुबह 8:30 बजे, इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हायली गूबी (Hale Gubi) ज्वालामुखी ने हजारों साल बाद अचानक विस्फोट किया। इससे भारी मात्रा में राख और सल्फर डाइऑक्साइड हवा में फैल गया। बादल 10–15 किलोमीटर ऊंचाई तक उठ गए। राख पूर्व की ओर बहते हुए लाल सागर के पार यमन और ओमान तक फैल गई। टूलूज ज्वालामुखी राख सलाहकार केंद्र (VAAC) की रिपोर्ट के अनुसार, यह गतिविधि बेहद तेज और दुर्लभ थी।
राख का गुबार उत्तरी भारत की ओर बढ़ने की संभावना को देखते हुए DGCA और एयरलाइन कंपनियां स्थिति पर करीबी नजर रख रही हैं। सोमवार शाम से दिल्ली और जयपुर की उड़ानों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है। हालांकि, भारत में अभी किसी बड़ी बाधा की सूचना नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओमान की पर्यावरण प्राधिकरण ने हवा में ज्वालामुखीय गैस और राख की चेतावनी दी है। अभी तक 68 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषण स्तर सामान्य पाया गया है। नागरिक ‘नाकी’ प्लेटफॉर्म के जरिए रियल-टाइम वायु गुणवत्ता देख सकते हैं।