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Mithilesh Yadav
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अमेरीकी अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क के नेतृत्व में तैयार हुआ अमेरिकी सरकार का DoGE डिपार्टमेंट अपने निर्धारित तय समय से 8 महीने पहले बंद कर दिया। इसकी शुरुआत 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकारी आदेश से हुई थी। इसे 4 जुलाई 2026 तक काम करना था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस विभाग ने कुल 2.5 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को या तो सीधे नौकरी से हटाया, या उन्हें बॉयआउट और अर्ली रिटायरमेंट पैकेज देकर बाहर का रास्ता दिखाया। रॉयटर्स के मुताबिक, शुरुआत में यह डिपार्टमेंट काफी एक्टिव था, लेकिन समय के साथ यह अपने कर्मचारी गंवाते गया। वहीं अब इसके टॉप अधिकारी अलग-अलग सरकारी ऑफिस में काम कर रहे हैं। इसका मकसद सरकार को छोटा, तेज और कम खर्चीला बनाना था।
DoGE की सबसे ज्यादा आलोचना तब हुई जब नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (NNSA) में एकसाथ 350 लोगों की नौकरी से निकालने के आदेश दिए थे। बता दें यह फैसला इतना विवादित था कि एनर्जी डिपार्टमेंट को कुछ ही हफ्ते में पीछे हटना पड़ा और लगभग 322 कर्मचारियों को वापस बुलाना पड़ा। जिससे इस कदम ने DoGE की वर्किंग पॉलिसी और कल्चर पर कई बड़े सवाल खड़े किए थे।
DoGE डिपार्टमेंट ट्रम्प के 'प्रोजेक्ट 2025' का हिस्सा था। जहां शुरुआत में एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को इसका हेड बनाया गया था, लेकिन रामास्वामी डिपार्टमेंट शुरू होने से पहले इससे अलग हो गए थे। पॉलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क ने रामास्वामी को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मस्क ने 2 ट्रिलियन डॉलर (170 लाख करोड़) की बचत का वादा किया था।
हालांकि DoGE की वेबसाइट के ही मुताबिक इसने 214 अरब डॉलर की बचत की, लेकिन एक Politico जांच में पाया गया कि ये आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए हैं।