Priyanshi Soni
4 Nov 2025
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी सीमा संघर्ष अब तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है और इसमें अब तक कुल 33 लोगों की जान जा चुकी है। यह हिंसक झड़पें एक हजार साल पुराने दो शिव मंदिरों के स्वामित्व को लेकर शुरू हुई थीं, जो सीमा के दोनों ओर फैले हुए हैं। दोनों देश इस ऐतिहासिक धरोहर पर दावा करते आ रहे हैं। लेकिन अब यह सांस्कृतिक विवाद खतरनाक सैन्य संघर्ष में तब्दील हो गया है।
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि उसके 13 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें 8 आम नागरिक और 5 सैनिक शामिल हैं। साथ ही 71 लोग घायल हुए हैं। दूसरी ओर, थाईलैंड ने भी 20 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिसमें 14 नागरिक और 6 सैनिक हैं। यह संघर्ष ओड्डार मीनचे और प्रीह विहियर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। इन इलाकों से हजारों की संख्या में लोग पलायन कर चुके हैं।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट का कहना है कि मलेशिया की मध्यस्थता में 24 जुलाई की रात दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी थी, लेकिन इसके कुछ ही देर बाद थाईलैंड ने हमला शुरू कर दिया। इस पर नाराज़ कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपात बैठक बुलाने की मांग की। बैठक में कंबोडिया ने थाईलैंड पर अपनी संप्रभुता का उल्लंघन करने और युद्ध को जानबूझकर बढ़ावा देने का आरोप लगाया। वहीं थाईलैंड ने कंबोडिया पर सीमावर्ती क्षेत्रों में बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया और खुद को बचाव की मुद्रा में बताया।
विवाद की गंभीरता को देखते हुए भारत ने थाईलैंड में मौजूद अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास ने नागरिकों से थाईलैंड-कंबोडिया सीमा के सात संवेदनशील राज्यों में जाने से बचने को कहा है। इनमें उबोन रत्चथानी, सुरिन, सिसाकेत, बुरीराम, सा काओ, चंथाबुरी और ट्राट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में हुई आपात बैठक में दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। कंबोडिया के UN प्रतिनिधि छेआ कीओ ने कहा, “हम एक छोटे देश हैं, हमारे पास एयरफोर्स तक नहीं है। हम बिना शर्त युद्धविराम चाहते हैं।”