Manisha Dhanwani
11 Dec 2025
बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव आयुक्त AMM नासिरउद्दीन ने गुरुवार शाम 6 बजे टीवी संबोधन में यह घोषणा की। ये चुनाव उस राजनीतिक घटना के डेढ़ साल बाद हो रहे हैं जब शेख हसीना का तख्तापलट हुआ था।
5 अगस्त 2024 को हसीना देश छोड़कर भारत चली गई थीं। इसके बाद से मोहम्मद यूनुस की अगुआई में अंतरिम सरकार देश चला रही है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 12 फरवरी को ही जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह भी होगा। जुलाई चार्टर एक बड़ा संवैधानिक और राजनीतिक सुधार दस्तावेज है, जिसमें कुल 26 पॉइंट शामिल हैं। इसका उद्देश्य देश की राजनीति और शासन प्रणाली में सुधार करना है।
जुलाई चार्टर में प्रधानमंत्री की सत्ता और कार्यकाल सीमित करने का सुझाव दिया गया है। इसका मकसद यह है कि कोई भी व्यक्ति बहुत लंबे समय तक सत्ता में न बना रहे। चार्टर में पीएम के कार्यकाल को 8 या 10 साल तक सीमित करने की बात कही गई है।
बांग्लादेश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी अवामी लीग का पंजीकरण मई 2025 में चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया। इस फैसले के बाद पार्टी अब चुनाव नहीं लड़ सकती और न ही कोई राजनीतिक गतिविधि कर सकती है। अंतरिम सरकार ने पार्टी के कई शीर्ष नेताओं को भी गिरफ्तार किया हुआ है।
सरकार का कहना है कि अवामी लीग अब ‘अप्रासंगिक’ हो चुकी है और जनता उसे स्वीकार नहीं करती। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। उनका कहना है कि अवामी लीग की भूमिका अभी भी मजबूत है और उसे पूरी तरह बाहर करने से चुनाव एकतरफा हो सकते हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, मौजूदा स्थिति लोकतांत्रिक माहौल को कमजोर करती है। इसी वजह से सरकार पर बाहरी देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का दबाव बढ़ रहा है कि विपक्ष को चुनाव में हिस्सा लेने का उचित मौका दिया जाए।
बांग्लादेश में चुनाव की प्रक्रिया लगभग भारत के लोकसभा चुनाव जैसी ही है। यहां भी सांसदों का चुनाव फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम से होता है। यानी जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे- even अगर सिर्फ एक वोट ज्यादा हो वही चुनाव जीत जाएगा।
चुनाव नतीजे आने के बाद सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन अपने सांसदों में से एक नेता चुनता है। वही नेता प्रधानमंत्री बनता है। राष्ट्रपति उन्हें शपथ दिलाते हैं और सरकार का गठन होता है।