Manisha Dhanwani
23 Sep 2025
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की रिहाई मंगलवार सुबह तय थी, लेकिन आखिरी वक्त पर कागजी प्रक्रिया में पेच फंस गया। रामपुर में दर्ज एक पुराने मामले में अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान न करने के कारण उनकी रिहाई रोक दी गई। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि, जुर्माना जमा करने के बाद दोपहर 12 से 2 बजे के बीच वे जेल से बाहर आ सकते हैं।
23 महीने से जेल में बंद आजम खान की मंगलवार सुबह 9 बजे रिहाई तय थी। इसी को देखते हुए उनका बड़ा बेटा अदीब खान सुबह 7 बजे ही करीब 150 समर्थकों के साथ सीतापुर जेल पहुंच गया। जेल के बाहर समर्थकों की भीड़ जुटी तो पुलिस ने उन्हें हटाया और अदीब भी वहां से चले गए।
इस दौरान ट्रैफिक नियम तोड़ने पर समर्थकों की करीब 15 गाड़ियों का चालान कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि ये सभी वाहन नो पार्किंग जोन में खड़े थे।
जानकारी के अनुसार, रामपुर की अदालत ने आज़म ख़ान पर एक केस में दो धाराओं के तहत क्रमशः 3,000 और 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया था। यह रकम उन्होंने जमा नहीं की थी। इसी कारण सीतापुर जेल से उनकी रिहाई अटक गई। अब रामपुर कोर्ट के खुलने के बाद जुर्माना भरा जाएगा और कोर्ट से सीतापुर जेल को फैक्स भेजा जाएगा। इसके बाद ही उन्हें छोड़ा जाएगा।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जेल से बाहर आने के बाद आजम खान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, 9 अक्टूबर को लखनऊ में मायावती का बड़ा सम्मेलन होना है, जिसमें आजम के शामिल होने की अटकलें तेज हैं।
हालांकि, सपा नेताओं ने इन अटकलों को खारिज किया है। सीतापुर के सपा नेता अतीक अहमद ने कहा, “आजम खान जहां हैं, वहीं बने रहेंगे।”
पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान को डूंगरपुर प्रकरण में जमानत दी थी। इसके बाद एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने भी उनके खिलाफ दर्ज 19 मुकदमों में रिहाई परवाने जारी किए। इससे पहले 53 मामलों में भी उन्हें राहत मिल चुकी थी। इस तरह कुल 72 मामलों में रिहाई आदेश जारी हो चुके हैं।
जेल के बाहर मीडिया से बातचीत में आजम खान के बेटे अदीब ने कहा, “आज अब्बा का दिन है, आज के हीरो वही हैं। उनकी बाइट लीजिए, मैं तो सिर्फ उनसे मिलने आया हूं।”
आजम खान के खिलाफ कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 93 अकेले रामपुर जिले में हैं। वहीं, उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तंजीन फातिमा पर भी कई केस दर्ज हैं। इस तरह पूरे परिवार पर करीब 165 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
आजम खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में गिने जाते रहे हैं। वे कई बार प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में जमीन कब्जा, फर्जी दस्तावेज़ और नफरती भाषण जैसे मामलों ने उन्हें विवादों में घेर लिया। 2022 में भड़काऊ भाषण मामले में दो साल की सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई थी।