Mithilesh Yadav
26 Nov 2025
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दुनिया भर के वैज्ञानिक इन दिनों एक खास एस्टेरॉयड पर नजर रखे हुए हैं एस्टेरॉयड 2024 YR4। कुछ साल पहले इसे धरती से टकराने वाला सबसे खतरनाक एस्टेरॉयड माना गया था लेकिन अब खतरा चांद की तरफ बढ़ गया है। NASA और ESA के मुताबिक फिलहाल 4 प्रतिशत संभावना है कि यह 2032 में चांद से टकरा सकता है। जवाब फरवरी 2026 में मिलेगा, जब जेम्स वेब टेलीस्कोप इसे पास से देखेगा।
एस्टेरॉयड 2024 YR4 को 2024 के आखिर में पहली बार खोजा गया। शुरुआत में लगा कि यह धरती से टकरा सकता है 3 प्रतिशत से भी ज्यादा संभावना थी। बाद में और तस्वीरों के बाद पता चला कि पृथ्वी पर खतरा खत्म हो चुका है। लेकिन अब इसका नया रास्ता चांद की कक्षा के ज्यादा करीब दिखाई दे रहा है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के मुताबिक एस्टेरॉयड 2024 YR4 के चांद से टकराने की संभावना अभी केवल 4 प्रतिशत है जबकि 96 प्रतिशत चांस है कि यह चूक जाएगा। असली फैसला फरवरी 2026 में होगा, जब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इसे कुछ दिनों तक बेहद करीब से देख पाएगा। उस दौरान मिलने वाले नए डेटा से स्थिति पूरी तरह बदल सकती है। टकराने की संभावना 0 प्रतिशत तक गिर सकती है या फिर अचानक 30 प्रतिशत तक बढ़ भी सकती है। यानी, एस्टेरॉयड का असली खतरा कितना है, इसकी साफ तस्वीर दुनिया को 2026 में ही मिलेगी।
एस्टेरॉयड 2024 YR4 का आकार लगभग 50-100 मीटर है यानी एक फुटबॉल मैदान जितना बड़ा। अगर यह चांद की सतह से टकराता है, तो इसकी टक्कर इतनी शक्तिशाली होगी कि चांद पर लगभग 0.5 से 1 किलोमीटर गहरा गड्ढा बन सकता है। इस टक्कर के बाद चांद का लाखों टन मलबा अंतरिक्ष में उड़कर फैल सकता है। जो धरती के पास मौजूद GPS, इंटरनेट और मौसम संबंधी हजारों सैटेलाइट्स के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा। इतना ही नहीं, अंतरिक्ष में बिखरे इन कणों के कारण उल्का वर्षा, यानी टूटते तारों जैसी घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं।
वैज्ञानिकों के पास इस संभावित खतरे से निपटने के विकल्प पहले से मौजूद हैं। NASA ने अपने DART मिशन के जरिए यह साबित कर दिया है कि किसी एस्टेरॉयड का रास्ता बदला जा सकता है। इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए, जरूरत पड़ने पर 2028-29 में एक छोटा सा स्पेसक्राफ्ट भेजकर एस्टेरॉयड 2024 YR4 को हल्का-सा धक्का दिया जा सकता है। जिससे उसका रास्ता बदल जाए और वह चांद को पूरी तरह मिस कर दे। हालांकि, यह मिशन शुरू करने का फैसला तभी लिया जा सकेगा, जब फरवरी 2026 में डेटा यह साफ कर दे कि टकराव का खतरा बढ़ रहा है।
अभी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 96 प्रतिशत संभावना है कि एस्टेरॉयड चांद को चूक जाएगा। वैज्ञानिकों के पास तैयारी का पूरा समय, लगभग 6-7 साल मौजूद है। असली निर्णय फरवरी 2026 में ही तय होगा।