Aakash Waghmare
26 Dec 2025
स्पोर्ट्स डेस्क। एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 18 टेस्ट मैचों से चला आ रहा जीत का इंतजार खत्म कर दिया। इससे पहले इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया में आखिरी टेस्ट जीत साल 2011 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर नसीब हुई थी। इसके बाद खेले गए 18 टेस्ट मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया ने 16 मैचों में जीत दर्ज की, जबकि 2 टेस्ट ड्रॉ रहे। इस दौरान इंग्लैंड को एक भी टेस्ट में सफलता नहीं मिली थी।
इस जीत के बाद कंगारू टीम सीरीज में 3-1 से आगे है। इंग्लैंड का यह लंबा बिना जीत का दौर 2013-14 की एशेज सीरीज में 5-0 से करारी हार के बाद शुरू हुआ था। चौथे टेस्ट में मिली इस जीत ने न सिर्फ उस निराशाजनक रिकॉर्ड को तोड़ा, बल्कि एशेज सीरीज में इंग्लैंड के आत्मविश्वास को भी नई मजबूती दी है।
चौथे टेस्ट के दूसरे दिन शनिवार को ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को जीत के लिए 175 रन का लक्ष्य दिया था, जिसे इंग्लिश टीम ने 6 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में सिर्फ 132 रन पर ऑलआउट हो गई। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 152 रन पर सिमट गई थी, जबकि इंग्लैंड अपनी पहली इनिंग में केवल 110 रन ही बना सका था। इस आधार पर ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 42 रन की बढ़त मिली थी।
हालांकि, दूसरी पारी में इंग्लैंड ने बेहतरीन गेंदबाजी और संयमित बल्लेबाजी के दम पर जोरदार वापसी की और लक्ष्य हासिल कर जीतने में सफल रही। इस जीत में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोश टंग की अहम भूमिका रही, जिन्होंने मैच में कुल 7 विकेट झटके। उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर लंबे समय से चला आ रहा जीत का सूखा भी खत्म कर दिया।
175 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लिश टीम को दूसरी पारी में अच्छी शुरुआत मिली। टीम को पहला झटका 51 रन के स्कोर पर लगा, जब मिचेल स्टार्क ने बेन डकेट को क्लीन बोल्ड किया। डकेट ने 26 गेंदों पर 34 रन की तेज पारी खेली। इसके बाद ब्राइडन 6 रन बनाकर जे रिचर्डसन का शिकार हो गए।
शुरुआती विकटों के पतन के बाद जैक क्रॉली और जैकब बेथेल ने तीसरे विकेट के लिए 47 रन की अहम साझेदारी कर इंग्लैंड की स्थिति को मजबूत किया। क्रॉली ने 48 गेंदों में 37 रन बनाए, लेकिन वह बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके और आउट हो गए। इसके बाद जो रूट और बेथेल के बीच 25 रन की उपयोगी साझेदारी हुई, जिसने लक्ष्य के और करीब पहुंचाया।
बेथेल ने संयमित बल्लेबाजी करते हुए 40 रन बनाए, लेकिन जीत से पहले वह आउट हो गए। हालांकि, मध्यक्रम के इस योगदान ने इंग्लैंड की जीत की नींव रख दी और टीम दबाव में भी नियंत्रण बनाए रखने में सफल रही।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने पूरी तरह बिखर गई। टीम की ओर से ट्रैविस हेड ने सबसे ज्यादा 46 रन बनाए, जबकि कप्तान स्टीव स्मिथ 24 रन बनाकर नाबाद रहे। कैमरन ग्रीन ने 19 रन का योगदान दिया, लेकिन इनके अलावा कोई भी बल्लेबाज टिककर खेल नहीं सका। ऑस्ट्रेलिया के आठ बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए, जिनमें तीन खिलाड़ी बिना खाता खोले ही आउट हो गए। कमजोर बल्लेबाजी का नतीजा यह रहा कि पूरी टीम 132 रन पर ऑलआउट हो गई।