Priyanshi Soni
23 Oct 2025
वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 14 सेकेंड के इस क्लिप में वह कहते नजर आ रहे हैं कि "100 में सिर्फ 4 बच्चियां ही पवित्र हैं"। हालांकि यह वीडियो अधूरे संदर्भ में वायरल हो रहा है। यह वीडियो 12 जून का है और उनके यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक पूरे प्रवचन का हिस्सा है।
प्रवचन के दौरान एक महिला ने प्रेमानंद जी से सवाल किया कि, ‘आजकल चाहे बच्चे अपनी पसंद से शादी करें या माता-पिता की पसंद से, परिणाम अच्छे नहीं आते। ऐसे में कैसे पता चले कि अच्छा कैसे आएगा?’
इस पर महाराज जी ने कहा कि ‘जब बच्चों का चरित्र ही पवित्र नहीं है, तो अच्छे परिणाम कैसे आएंगे?’ उन्होंने कहा कि पहले की महिलाएं सादगी और शालीनता से रहती थीं, लेकिन अब पहनावा और आचरण बदल गया है।
प्रेमानंद जी ने कहा कि आजकल के रिश्तों में स्थिरता और पवित्रता नहीं रही। एक से ब्रेकअप, फिर दूसरे से रिश्ता, और यही आदतें व्यभिचार में बदल जाती हैं। उन्होंने कहा कि जैसे अगर किसी को बाहर के खाने की आदत लग जाए तो घर का खाना अच्छा नहीं लगता, वैसे ही अगर किसी को कई लोगों से रिश्ते बनाने की आदत हो जाए, तो एक जीवनसाथी के साथ संतोष करना मुश्किल हो जाता है।
महाराज जी ने कहा कि आज के समय में असली बहू या सच्चा पति मिलना मुश्किल हो गया है। जो व्यक्ति या लड़की पहले से कई रिश्तों में रहे हैं, वह वैवाहिक जीवन की पवित्रता को नहीं समझ सकते। उन्होंने कहा कि 100 में कोई दो-चार कन्याएं ही होंगी जो वास्तव में पवित्र जीवन जी रही होंगी। उनका इशारा था कि आज की पीढ़ी की रुचियां और जीवनशैली पारंपरिक मूल्यों से दूर हो चुकी हैं।
प्रेमानंद जी ने कहा कि भारत हमेशा से धर्म और पवित्रता को महत्व देने वाला देश रहा है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में मुगलों के आक्रमण के समय महिलाओं ने पवित्रता के लिए प्राण तक दे दिए, लेकिन आज के समय में लोग लिव-इन रिलेशन जैसी पश्चिमी सोच को अपना रहे हैं।
प्रेमानंद जी ने कहा कि जब किसी महिला का विवाह होता है, तो वह अपना पूरा जीवन पति को समर्पित कर देती है। यह कोई पश्चिमी देश नहीं है, जहां रिश्ते बदलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि बचपन में कोई गलती हो भी गई हो, तो शादी के बाद तो सुधार जरूरी है।