Aakash Waghmare
12 Nov 2025
Aakash Waghmare
12 Nov 2025
Aakash Waghmare
12 Nov 2025
Mithilesh Yadav
12 Nov 2025
इंदौर – बुधवार को इंदौर पुलिस द्वारा यातायात जागरूकता रथ निकाले गए, लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि विभाग ने जल्दबाजी में उज्जैन की गाड़ी को इंदौर की नंबर प्लेट में बदल दिया। सवाल यह उठता है कि ऐसा क्यों किया गया? एक ही गाड़ी के दो अलग-अलग नंबर और दो अलग-अलग मालिक कैसे हो सकते हैं?
पीपुल्स अपडेट के कैमरे में मामला कैद होने के बाद जब इसकी जांच की गई, तो पता चला कि एक जागरूकता रथ पर एमपी-09-ZB-3151 नंबर प्लेट लगी है, जो अमन अग्रवाल के नाम से इंदौर आरटीओ में रजिस्टर्ड है। वहीं, उसी रथ पर लगे स्टिकर में एमपी-13-ZB-3151 अंकित है, जो बबलू परमार के नाम से उज्जैन आरटीओ में दर्ज है।
अब बड़ा सवाल यह है कि दोनों वाहनों के नंबर बदलने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या यह गलती थी या जानबूझकर यातायात विभाग द्वारा नंबर प्लेट में हेरफेर किया गया? इस पर विभाग के अधिकारियों को जवाब देना होगा कि जागरूकता के अभियान में ही ऐसी लापरवाही से आम जनता को क्या संदेश देना चाहा जा रहा है। दोनों गाड़ियों के नंबरों का ब्यौरा और पंजीयन विवरण के साथ यह जानकारी प्रकाशित की जा रही है।
सीपी ने दिखाई हरी झंडी
बुधवार को पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने कहा कि इस जागरूकता रथ का उद्देश्य नागरिकों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है। हर नागरिक को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और स्वयं व दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से शहर में डिजिटल यातायात जागरूकता रथ अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में तीन नए रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। ये रथ शहर के चारों जोनों के प्रमुख चौराहों, बाजारों और व्यस्त सड़कों पर घूमकर नागरिकों को डिजिटल स्क्रीन, फ्लेक्स और ऑडियो-विजुअल सिस्टम के माध्यम से सड़क सुरक्षा संदेश, लघु फिल्में और वीडियो क्लिप दिखाएंगे।