Aakash Waghmare
12 Nov 2025
Aakash Waghmare
11 Nov 2025
इंदौर – दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट के तार जब मध्यप्रदेश के महू से जुड़े, तो अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के संचालक जवाद अहमद सिद्दीकी का नाम सामने आया। बताया जाता है कि जवाद ने अल-फलाह ट्रस्ट की स्थापना की थी और एक चिट फंड कंपनी भी संचालित करता था। धोखाधड़ी के आरोप लगने के बाद वह परिवार सहित फरार हो गया।
खालिक की सुपारी छोटा राजन को मिली
सूत्रों के अनुसार, जवाद का मुनीम खालिक बाउजी भी जल्द अमीर बनने के चक्कर में उसी की राह पर चल पड़ा। पहले उसने बोन क्रेशर प्लांट लगाया, फिर गोल्डन पब्लिक स्कूल खोला। कुछ समय बाद उसने इंदौर में एक शोरूम और नवनीत टॉवर में अल-हिलाल इन्वेस्टमेंट कंपनी शुरू की, जिससे वह तेजी से पैसा कमाने लगा।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में तीन कॉलेज और 600 बेड का अस्पताल
जानकारी के अनुसार, जिस यूनिवर्सिटी में डॉक्टर बनने की पढ़ाई होती थी, वहीं आतंकियों को ट्रेनिंग देने की भी गतिविधियाँ चलती थीं। यह यूनिवर्सिटी ऐसे परिसर में बनी है, जहाँ तीन अलग-अलग संस्थान कार्यरत हैं —
इसी परिसर में जवाद ने 600 बिस्तरों वाला अस्पताल भी बना रखा था, जहाँ कॉलेज में पढ़ने वाले डॉक्टर ही इलाज करते थे। वर्ष 2015 में यूजीसी द्वारा इस संस्थान को मान्यता प्रदान की गई थी।
तीन बार सिविल सर्विस इंटरव्यू देने वाला जवाद अब फरार
दिल्ली कार धमाके के बाद सामने आए अल-फलाह विश्वविद्यालय के ट्रस्ट की नींव महू नगर में रखी गई थी। यहां के निवासी जवाद अहमद सिद्दीकी के फरार होने के बाद पुलिस ने स्थानीय कायस्थ मोहल्ले और आसपास के क्षेत्रों में उसके परिवार के बारे में पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। जवाद ने इंदौर में लंबे समय तक शिक्षण कार्य भी किया था। उसके एक पूर्व विद्यार्थी के अनुसार, वह जीएसआईटीएस से बीटेक पास था और अत्यंत धार्मिक स्वभाव का था। सिविल सर्विस परीक्षा में तीन बार इंटरव्यू देने की जानकारी भी सामने आई है।