Aakash Waghmare
12 Nov 2025
Aakash Waghmare
11 Nov 2025
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण धमाके की जांच में बड़ा मोड़ आया है। डीएनए टेस्ट से यह पक्के तौर पर साबित हो गया है कि, ब्लास्ट के वक्त कार में मौजूद व्यक्ति आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ही था। जांच एजेंसियों ने पुलवामा से उमर की मां का डीएनए सैंपल लिया था, जो धमाके वाली कार से मिले अवशेषों से 100 फीसदी मैच कर गया।
10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास i20 कार में हुए धमाके में 12 लोगों की मौत और 25 से ज्यादा घायल हुए थे। विस्फोट इतना जोरदार था कि, उमर मोहम्मद के शरीर के टुकड़े कार में बुरी तरह जल गए थे। जांच एजेंसियों को कार से हड्डियां, दांत, खून से सना कपड़ा और पैर का हिस्सा मिला था। इन्हीं अवशेषों का डीएनए टेस्ट किया गया, जो उमर की मां के सैंपल से पूरी तरह मेल खा गया। इससे यह साफ हो गया कि, ब्लास्ट के दौरान कार चलाने वाला शख्स डॉ. उमर मोहम्मद ही था।
जांच एजेंसियों के हाथ ब्लास्ट से पहले का 10 सेकंड का सीसीटीवी फुटेज लगा है। इसमें लाल किला मेट्रो स्टेशन के सिग्नल पर करीब 20 गाड़ियां खड़ी दिखाई देती हैं। शाम 6:51 बजे जैसे ही सिग्नल ग्रीन हुआ, i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। आग की लपटों ने आसपास की गाड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। जिसके बाद आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया।

घटना के बाद केंद्र सरकार ने इसे आतंकी हमला घोषित किया। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस घटना को “टेरर अटैक” करार देते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही जांच एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा स्तर पर जांच का आदेश दिया गया।
दिल्ली पुलिस को ब्लास्ट में शामिल दूसरी कार की जानकारी भी मिली थी। करीब 10 घंटे की तलाश के बाद एक लाल रंग की इको स्पोर्ट्स कार (DL10-CK-0458) हरियाणा के खंदावली गांव में लावारिस हालत में मिली। कार उमर नबी के नाम से रजिस्टर्ड थी। एनएसजी और फॉरेंसिक टीमों ने कार की गहन जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि, यह गाड़ी उमर के ड्राइवर की बहन के घर के पास मिली थी।
पहला खुलासा:
आतंकियों ने जनवरी 2025 में ही लाल किले की रेकी कर ली थी। मोबाइल डेटा से पता चला कि आरोपी डॉ. मुजम्मिल गनी और उमर ने कई बार इलाके की निगरानी की थी।
दूसरा खुलासा:
हमले की असल तारीख 6 दिसंबर तय की गई थी, लेकिन मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद प्लान बदल गया।
तीसरा खुलासा:
फरीदाबाद में पकड़ा गया डॉ. मुजम्मिल खाद की बोरी के नाम पर विस्फोटक जमा कर रहा था। जांच में 20 क्विंटल NPK फर्टिलाइजर बरामद हुआ है।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, साजिश सिर्फ एक कार तक सीमित नहीं थी। आतंकी कुल चार गाड़ियां विस्फोट के लिए तैयार कर रहे थे ताकि नुकसान और ज्यादा हो सके। अब तक दो गाड़ियां i20 और इको स्पोर्ट बरामद हो चुकी हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने सुरक्षा कारणों से लाल किला मेट्रो स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट फिलहाल रोक दी गई है। अन्य सभी लाइनें सामान्य रूप से चल रही हैं।
जांच में सामने आया कि मुजम्मिल, उमर, आदिल और शाहीन ने मिलकर धमाके के लिए करीब 20 लाख रुपए जुटाए। इसमें से 3 लाख रुपए में उन्होंने विस्फोटक बनाने के लिए फर्टिलाइजर खरीदे थे। ये सभी आरोपी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए थे। वहीं से पूरे मॉड्यूल को संचालित किया जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाके से पहले उमर को पुरानी दिल्ली की फैज इलाजी तुर्कमान मस्जिद में देखा गया था। वह करीब 10 मिनट तक मस्जिद में रुका, फिर वहीं से ब्लास्ट साइट की ओर रवाना हुआ। फुटेज में वह काली पैंट और काले स्वेटर में नंगे पैर दिखाई दे रहा है। जांचकर्ताओं का मानना है कि उस वक्त वह काफी तनाव में था।
फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ में कबूल किया कि वह पिछले दो साल से विस्फोटक जमा कर रही थी। यह पूरा मॉड्यूल “व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क” था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े पेशेवर लोग शामिल थे।
i20 कार (HR26CE7476) जिसने धमाके में आग पकड़ी, पिछले 11 साल में 5 बार हाथ बदल चुकी थी यानी इतनी बार बिक चुकी थी। आखिरी बार यह कार 29 अक्टूबर 2025 को आमिर रशीद नामक व्यक्ति ने खरीदी, जिसने इसे आतंकी उमर मोहम्मद को सौंप दिया। कार की आरसी अब भी सलमान नामक शख्स के नाम पर थी। खरीद-बिक्री का यह सिलसिला अब जांच एजेंसियों के रडार पर है।