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रियो डी जेनेरियो में 17वीं ब्रिक्स समिट की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं, लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इससे किनारा कर लिया है। यह पहला मौका होगा जब शी जिनपिंग अपने 12 साल के कार्यकाल में इस वैश्विक मंच से स्वयं को अलग रखेंगे।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की एक विशेष रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग इस बात से नाराज हैं कि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को BRICS समिट के बाद आयोजित होने वाले स्टेट डिनर के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग को यह आशंका है कि इस भोज में उनकी तुलना में प्रधानमंत्री मोदी को अधिक महत्व मिलेगा, जिससे उनकी वैश्विक छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
ब्राजील 6 और 7 जुलाई को इस साल की BRICS बैठक की मेजबानी करने जा रहा है और इस सम्मेलन के बाद होने वाले औपचारिक डिनर में कई वैश्विक नेता शामिल होने वाले हैं। हालांकि, चीन ने आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति जिनपिंग की अनुपस्थिति का कारण बिजी शेड्यूल बताया है, लेकिन कूटनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि यह असल वजह नहीं है।
शी जिनपिंग की ब्रिक्स समिट में अनुपस्थिति केवल स्टेट डिनर को लेकर नाराजगी तक सीमित नहीं मानी जा रही है। दरअसल, ब्राजील ने राष्ट्रपति जिनपिंग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। यह चीन की विदेश नीति का एक प्रमुख अंग है, जिसे अब तक कई एशियाई और अफ्रीकी देशों का समर्थन मिला है। लेकिन भारत के बाद ब्राजील BRICS का दूसरा ऐसा प्रमुख सदस्य है, जिसने BRI में शामिल होने से परहेज किया है। बीजिंग इस बात को लेकर पहले से ही असहज था और अब स्टेट डिनर की खबर ने इस असहजता को गहरी नाराजगी में बदल दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर में विशेष रूप से आमंत्रित किया जाना इस बात का संकेत माना जा रहा है कि ब्राजील भारत के साथ रणनीतिक और द्विपक्षीय रिश्तों को और गहरा करना चाहता है। पीएम मोदी की वैश्विक छवि और कूटनीतिक सक्रियता को देखते हुए यह एक बड़ा राजनयिक संकेत है, जो चीन को असहज कर सकता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले साल रूस के कजान शहर में आयोजित BRICS समिट में पांच साल बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई थी। इस बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा विवाद, आपसी विश्वास और सहयोग को लेकर संवाद का रास्ता मजबूत करने की बात कही थी। यह बातचीत 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात थी।
BRICS यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का यह समूह अब विस्तार की ओर बढ़ चुका है। मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और UAE को अब पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया जा चुका है। इसके अलावा बेलारूस, बोलीविया, कजाकिस्तान, क्यूबा, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, युगांडा और उज्बेकिस्तान को पार्टनर देशों की मान्यता मिली है।