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नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने भारत में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार कोल्ड्रिफ समेत 3 कफ सिरप के खिलाफ चेतावनी जारी की है। ग्लोबल हेल्थ एजेंसी का कहना है, कि ये सिरप स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा हैं और इन्हें पीने से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही, सभी अथॉरिटीज से कहा कि देश में अगर कहीं भी ये सिरप दिखाई दें तो तत्काल हेल्थ एजेंसी को रिपोर्ट करें। दरअसल, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में इन कफ सिरप को पीने से 22 बच्चों की मोत हो गई थी। जिसके बाद इस मामले को WHO ने संज्ञान में लिया था।
वर्ल्ड हेल्थ एजेंसी ने तीन भारतीय फार्मा कंपनियों की कफ सिरप के विशेष बैचों की जांच की थी। जिसमें श्रीसन फार्मा की कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मा की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रिलाइफ शामिल है। इन सभी में जांच के बाद मिलावट पाई गई थी।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ल्ड स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि ये सिरप गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। वहीं, जांच में सामने आया कि इन खांसी की सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक जहरीला रसायन भारी मात्रा में मौजूद था। यह एक रंगहीन और गंधहीन केमिकल है, जिसे आमतौर पर सिरप को मीठा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग इंसानी खपत के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी से पहले ही भारत सरकार इन तीनों सिरप पर कार्रवाई कर चुकी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने डब्ल्यूएचओ को जानकारी दी है कि कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रिलाइफ सिरप को बाजार से हटा लिया गया है और इनके उत्पादन पर रोक लगा दी गई है। आगे CDSCO ने बताया है कि इन सिरपों का भारत से किसी भी देश में निर्यात नहीं किया गया है। सभी मेडिकल स्टोर्स से संबंधित बैच वापस मंगवाए जा चुके हैं, और कंपनियों को इनका निर्माण बंद करने के आदेश जारी हो चुके हैं।
इस मामले में तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। साथ ही, कंपनी को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया है। इससे पहले, कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश में गठित एक विशेष जांच दल एसआईटी ने गिरफ्तार किया था। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत श्रीसन फार्मास्युटिकल्स और उससे जुड़े कुछ अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की है।