Shivani Gupta
13 Nov 2025
पटना : बिहार में शुक्रवार 14 नवंबर को सुबह से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। दोपहर तक रुझान आ जाएंगे और दोपहर बाद तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी। इसके साथ ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन आसीन होने जा रहा है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री को लेकर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राजीव प्रताप जैसे नेताओं ने साफ कहा कि नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। अगर ऐसा होता है कि नीतीश 10वीं बार बिहार के मुखिया बनेंगे।
नीतीश कुमार ने पिछले साल (2024) में 28 जनवरी को महागठबंधन सरकार से इस्तीफा देकर एनडीए से हाथ मिलाया था। इसके बाद उन्होंने 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नीतीश कुमार पहली बार मार्च 2000 में आए थे। हालांकि उस दौरान उनकी सरकार केवल 7 दिन ही चल पाई थी। विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
नीतीश कुमार ने 2005 में लालू यादव के जंगलराज को मुद्दा बनाते हुए एनडीए के साथ मिलकर बिहार में चुनाव लड़ा। नीतीश को पूर्ण बहुमत मिला और वे दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
नीतीश की पूर्ण बहुमत वाली सरकार पूरे पांच साल चली। 2010 में चुनाव हुए तो नीतीश फिर एनडीए के साथ थे। एनडीए फिर बहुमत में आया और नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री चुने गए। हालांकि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। 2013 में बीजेपी ने 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाया तो नीतीश ने भाजपा का साथ छोड़ दिया।
भाजपा से अलग होकर नीतीश होने के बाद कार्यकाल पूरा करने के लिए नीतीश कुमार ने पद छोड़ दिया और जीतन राम मांझी को सीएम बना दिया।जीतन राम एक साल मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद हुए चुनाव में नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। इस चुनाव में महागठबंधन की जीत हुई। इस तरह फरवरी 2015 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। तेजस्वी यादव पहली बार उपमुख्यमंत्री बने।इसके बाद 20 नवंबर 2015 को नीतीश ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि दो साल में ही नीतीश ने राजद-कांग्रेस का साथ छोड़ दिया।
महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और खुद 27 जुलाई 2017 को छठवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद भी नीतीश मन को लेकर अनिश्चितता की स्थिती बनी रही। हालांकि सरकार ने कार्यकाल पूरा किया।
लोकसभा चुनाव के एक साल बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भी जेडीयू ने एनडीए साथ रही। इनके साथ को बिहार की जनता का साथ मिला फिर एनडीए की फिर से सरकार बनी। 2020 में जेडीयू को कम सीटें मिली, लेकिन फिर भी नीतीश नवंबर 2020 में सीएम बने। यह उनकी सातवीं पारी थी।
दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार और भाजपा नेताओं के रिश्ते खट्टे हो गए। जेडीयू ने एनडीए का साथ छोड़ दिया। नीतीश कुमार ने फिर एक बार फिर राजद के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बना ली। अगस्त 2022 में सीएम नीतीश कुमार ही चुने गए। यह आठवीं बार था जब नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बने। यह सरकार डेढ़ साल ही चली।
नीतीश कुमार ने फिर पलटी मारी और एनडीए के साथ हो लिए। इसके बाद लग रहा था कि शायद भाजपा से मुख्यमंत्री हो लेकिन परिस्थितयों को देखते हुए एक बार फिर नीतीश ही मुख्यमंत्री बने। अब अगर फिर मुख्यमंत्री बनते हैं तो वे 10वीं बार इस पद पर आसीन होंगे।