Shivani Gupta
30 Dec 2025
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने और आधिकारिक आवास खाली करने के बावजूद जगदीप धनखड़ को अब तक अपना सरकारी आवास नहीं मिला है। वहीं उनके करीबी लोगों के हवाले से सामने आई जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले आवास को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिए हुए धनखड़ को करीब पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई सरकारी आवास आवंटित नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका यह अचानक फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया था। विपक्ष ने इस फैसले को भाजपा की सत्ता की बली करार दिया था।
इस्तीफे के लगभग एक हफ्ते बाद ही सितंबर महीने में धनखड़ ने अपना आधिकारिक आवास ‘उपराष्ट्रपति एन्क्लेव’ खाली कर दिया था। इसके बाद वे दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित एक निजी फार्महाउस में रहने चले गए थे। बताया जा रहा है कि यह फार्महाउस इनेलो नेता अभय चौटाला का है, जो छतरपुर के गदईपुर क्षेत्र में स्थित है।
सरकारी आवास को लेकर जगदीप धनखड़ ने 22 अगस्त को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव को पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपतियों को मिलने वाले आधिकारिक आवास की मांग की थी। हालांकि, इसके बावजूद अब तक उन्हें आवास आवंटित नहीं किया जा सका है।
नियमों के मुताबिक, पूर्व उपराष्ट्रपति को लगभग दो लाख रुपये प्रति माह की पेंशन, टाइप-8 सरकारी बंगला, एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक डॉक्टर, एक नर्सिंग अधिकारी और चार निजी अटेंडेंट की सुविधा मिलती है। वहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति के निधन के बाद उनके जीवनसाथी को टाइप-7 आवास का प्रावधान है।