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भोपाल। राजधानी का ईरानी डेरा ने देशभर में हड़कंप मचाया है। भोपाल के अमन कॉलोनी स्थित ईरानी डेरा क्रिमनिलों का नया अड्डा बन गया है। इस गिरोह के सदस्यों का नाम भोपाल के अलावा कई राज्यों में लूट, ठगी की वारदात सहित फर्जीवाड़े में नाम सामने आया है। जिसके बाद अब पुलिस यहां अवैध बिल्डिंग को बुल्डोजर से जमींदोज करने की तैयारी में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बता दें ईरानी डेरे से जुड़े गिरोहों की गतिविधियां महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित कर्नाटक सहित देश के 12राज्यों में फैली है। पुलिस ने जानकारी दी कि ये गिरोह समूह में इकट्ठा होकर राज्यों में पहुंचता और सुनियोजित तरीके से अपनी प्लानिंग को अंजाम देता है।
रविवार को 28 दिसंबर को पुलिस ने कॉम्बिंग गश्त के जरिए इलाके को चारों ओर से घेराबंदी कर एक साथ दबिश दी थी। इस कार्रवाई में 10 महिलाओं सहित कुल 32 आरपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि कई अपराधी ऐसे है जिनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में आपराधिक मामले दर्ज है।
इस पुलिस जांच में की जानकारी सामने आ रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरे मास्टरमाइंड का हिस्ट्रीशूटर राजू ईरानी है। उसके खिलाफ पहले से ही कई राज्यों में क्रिमिनल मामले दर्ज है। जहां पुलिस अब उसके करीबी साथियों की अचल संपत्तियों की जानकारी निकालने में जुटी है।
ईरानी डेरे की कार्यप्रणाली को पारंपरिक अपराध गिरोहों से अलग माना जा रहा है। यहां अपराध से हासिल की गई रकम सबसे पहले सरदार के पास जमा होती है। इसके बाद वही तय करता है कि किस सदस्य को कितना हिस्सा दिया जाएगा।
गिरोह के किसी सदस्य की गिरफ्तारी होने पर उसके परिवार की जिम्मेदारी भी पूरा कबीला उठाता है। खर्च से लेकर देखभाल तक की व्यवस्था सामूहिक रूप से की जाती है। सरदार का चुनाव कबीलाई पंचायत के जरिए होता है, जिसमें उम्मीदवार के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड और दबदबे को सबसे अहम माना जाता है।
ईरानी डेरे का नेटवर्क दूसरे राज्यों तक फैला होने के कारण कार्रवाई के बाद बाहरी पुलिस टीमें भी भोपाल पहुंच गई हैं। अमरावती, श्रीगंगानगर, झालावाड़ और बड़वानी से आई पुलिस टीमें स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर जांच में सहयोग कर रही हैं। अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामलों को आधार बनाकर आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है।
पुलिस का मकसद पूरे गिरोह की गतिविधियों की कड़ियों को जोड़ना और यह पता लगाना है कि नेटवर्क किस तरह राज्यों के बीच फैला हुआ था और कौन-कौन इसमें शामिल है।