उत्तर भारत में मॉनसून की विदाई से पहले एक बार फिर भारी बारिश ने कहर बरपाया है। 16 सितंबर 2025 की रात से 17 सितंबर की सुबह तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और तेज बारिश से हालात बिगड़ गए। देहरादून में प्रसिद्ध सहस्त्रधारा और हिमाचल के मंडी, धर्मपुर और शिमला इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं, घर-दुकानें बह गए और मंदिर तक जलमग्न हो गए।
देहरादून में सहस्त्रधारा के पास बादल फटा
- मंगलवार सुबह करीब 5 बजे सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से तमसा नदी, कारलीगाड़ और सहस्त्रधारा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। नतीजा, सहस्त्रधारा, आईटी पार्क, तपोवन और आसपास के इलाके पानी-पानी हो गए।
- तपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर पूरी तरह डूब गया। मंदिर में मौजूद दुकानें बह गईं और मूर्तियां तक बहकर चली गईं। हालांकि गर्भगृह सुरक्षित रहा।
- SDRF और NDRF की टीमों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। सहस्त्रधारा में फंसे 5 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
- दो लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
- जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है।
हिमाचल में बारिश से भारी तबाही
- हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले के धर्मपुर बस स्टैंड पर सोमवार रात से ही पानी और मलबा भर गया। सोन खड्ड नदी के उफान पर आने से कई बसें बह गईं।
- मंडी और आसपास के 493 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें 3 नेशनल हाईवे भी शामिल हैं।
- निहरी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण एक मकान पर चट्टान गिर गई। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दब गए।
- शिमला और चंबा में भी लैंडस्लाइड की घटनाएं हुईं। कई गाड़ियां मलबे में दब गईं।
महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी असर
- उत्तर भारत के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया।
- मुंबई में रेलवे ट्रैक और सड़कों पर पानी भर गया।
- बीड में 11 ग्रामीणों को वायुसेना ने एयरलिफ्ट किया।
- जालना और कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी।
- IMD ने बिहार, झारखंड, बंगाल, यूपी और एमपी में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है।
नुकसान और प्रशासनिक प्रयास
- उत्तराखंड के देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर फनवैली के पास पुल बह गया।
- आईटी पार्क और घंगौरा क्षेत्र में वाहन पानी में बहते दिखे।
- हिमाचल प्रदेश में 352 ट्रांसफॉर्मर खराब हो गए और 163 पानी की सप्लाई योजनाएं ठप हो गईं।
- प्रशासन ने SDRF, NDRF और पुलिस बल को राहत-बचाव कार्य में लगाया है।
- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और प्रधानमंत्री मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को हालात की जानकारी दी।
बादल फटने के पीछे मौसम और मानवीय कारण
- विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तबाही के पीछे प्राकृतिक और मानवीय दोनों कारण हैं।
- मौसम कारण: वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और मॉनसून के अवशेषों की टकराहट से अचानक भारी बारिश हुई।
- जलवायु परिवर्तन: तापमान बढ़ने से हवा में नमी ज्यादा हो गई, जिससे बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- मानवीय कारण: अनियोजित निर्माण, जंगल कटाई और पहाड़ों की खुदाई ने भूस्खलन का खतरा बढ़ा दिया।