Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
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20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
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20 Oct 2025
नई दिल्ली। अमेरिकी प्रतिबंध अब केवल माल या व्यापार तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि इनका असर लोगों की आवाजाही पर भी दिखने लगा है। भारतीय पर्यटक अब इस बदलाव की मार झेल रहे हैं। ताजा आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल-मई 2025 के दौरान भारतीयों के लिए जारी किए गए अमेरिकी टूरिस्ट वीजा में पिछले साल की तुलना में लगभग 7 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट इशारा करती है कि अमेरिका अपने वीजा नियमों को लेकर या तो अधिक सख्त है या फिर उसकी कांसुलेट सेवाओं की क्षमता सीमित हो गई है। अप्रैल 2025 में भारतीय यात्रियों को बी1/बी2 श्रेणी के तहत कुल 91,710 वीजा दिए गए, जो एक साल पहले की तुलना में 9.6 प्रतिशत कम हैं। मई 2025 में यह संख्या 90,859 रही, जो 5 प्रतिशत की कमी दर्शाती है। यानी कुल मिलाकर दो माह में भारतीयों को 1,82,569 वीजा जारी हुए, जबकि 2024 के इन्हीं महीनों में यह संख्या 1,96,983 थी। इसका अर्थ यह है कि भारतीय पर्यटकों के लिए अमेरिका की यात्रा पहले जितनी सहज नहीं रह गई है।
हालांकि यह गिरावट सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। अमेरिका ने पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और फिलिपींस जैसे देशों से आने वाले पर्यटकों के वीजा अनुमोदन में भी भारी कटौती की गई है। उदाहरण के लिए पाकिस्तान और नेपाल के लिए यह गिरावट 47 प्रतिशत तक दर्ज की गई है, जबकि बांग्लादेश और फिलिपींस में 37 प्रतिशत की कमी आई है। इससे स्पष्ट है कि दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को लेकर अमेरिका का वीज़ा दृष्टिकोण अधिक कठोर हुआ है। फिर भी, भारत अभी भी दक्षिण एशिया में वीजा प्राप्त करने वालों की सबसे बड़ी संख्या वाला देश है। 2024 में अमेरिका ने भारतीयों को 10 लाख से अधिक गैर-प्रवासी वीजा जारी किए थे, जो एक बड़ा आंकड़ा है। लेकिन 2025 की इस गिरावट से संकेत मिलता है कि जब अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की मांग महामारी के बाद तेजी से बढ़ रही है, ठीक उसी समय अमेरिका अपने नियमों को और कड़ा कर रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि कुछ क्षेत्रों को अमेरिका अब भी प्राथमिकता दे रहा है। उदाहरण के लिए, चीन में अप्रैल–मई 2025 के दौरान वीजा अनुमोदन में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ यह संख्या 1,65,000 से अधिक पहुंच गई है। इसी तरह कोलंबिया और ग्वाटेमाला जैसे देशों में भी दो अंकों की तेज़ी देखी गई है। इसका अर्थ यह है कि अमेरिका अपनी प्राथमिकताओं को क्षेत्रीय आधार पर बदल रहा है और भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों की तुलना में चीन या लैटिन अमेरिकी देशों को अधिक वरीयता दे रहा है। इस सख्ती का असर यह हुआ है कि भारतीय पर्यटक अब अमेरिका के बजाय अन्य देशों का रुख करने लगे हैं। ब्रिटेन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां अप्रैल–जून 2025 के दौरान भारतीयों के विजिटर वीजा आवेदन 4 प्रतिशत बढ़ गए और अनुमोदन में भी 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा संकेत यह है कि भारतीय पर्यटक अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्रा योजनाओं को अमेरिका से हटाकर यूरोप या अन्य जगहों की ओर मोड़ रहे हैं।