Aniruddh Singh
20 Oct 2025
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20 Oct 2025
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20 Oct 2025
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20 Oct 2025
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20 Oct 2025
वाशिंगटन। अमेरिका में बीते 20 दिनों से चल रहा संघीय सरकार का शटडाउन जल्द खत्म हो सकता है। व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने सोमवार को संकेत दिया कि यह राजनीतिक गतिरोध इसी सप्ताह खत्म होने की संभावना है। उन्होंने इसे शूमर शटडाउन कहा, जो सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर के नाम पर व्यंग्य करते हुए इस्तेमाल किया गया शब्द है। नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक हैसेट ने सीएनबीसी से बातचीत में कहा कि उनके सीनेट के दोस्तों का मानना है कि डेमोक्रेट्स के लिए यह अच्छा नहीं दिखेगा अगर वे नो किंग्स रैलियों से पहले सरकारी कामकाज शुरू करने का निर्णय लेते हैं। अब जबकि ये रैलियां हो चुकी हैं, तो उन्हें उम्मीद है कि दोनों दल इस सप्ताह किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं और सरकार का कामकाज सामान्य रूप से फिर शुरू हो सकता है।
शटडाउन इसलिए हुआ क्योंकि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दलों के बीच संघीय बजट और कुछ विवादास्पद नीतियों पर सहमति नहीं बन पाई। इसके चलते संघीय एजेंसियों के कई विभाग बंद पड़े हैं, सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा और कई सेवाएं प्रभावित हुई हैं। अमेरिकी इतिहास में यह सबसे लंबे शटडाउन में से एक माना जा रहा है, जिसने आम जनता और अर्थव्यवस्था दोनों पर असर डाला है। हैसेट ने यह भी बताया कि नो किंग्स रैलियां समाप्त हो चुकी हैं, जिनमें पूरे अमेरिका में हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे। इन प्रदर्शनों में विभिन्न आयु वर्गों के लोगों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की आलोचना की और उन पर अधिनायकवादी प्रवृत्तियों और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा राष्ट्रपति ट्रंप लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं और सत्ता का अत्यधिक केंद्रीकरण कर रहे हैं।
हैसेट ने कहा व्हाइट हाउस के पास अब दो विकल्प हैं या तो कांग्रेस के साथ समझौता कर सरकार को फिर से चालू किया जाए, या फिर यदि गतिरोध बना रहता है तो किफायती कदम उठाए जाएं, ताकि प्रशासनिक खर्चों को सीमित रखा जा सके। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर इस सप्ताह डेमोक्रेट्स ने लचीलापन नहीं दिखाया, तो व्हाइट हाउस के बजट निदेशक रस वॉट के साथ मिलकर कड़े कदम उठाने पर विचार किया जाएगा। दरअसल, व्हाइट हाउस का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि शटडाउन की वजह से अमेरिका की आर्थिक गतिविधियों पर दबाव बहुत बढ़ गया है। सरकारी भुगतान रुकने से उपभोक्ता खर्च घटा है और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता देखी जा रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह स्थिति और लंबी चली, तो इसका असर अमेरिका की जीडीपी वृद्धि पर भी पड़ सकता है।