Shivani Gupta
1 Oct 2025
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29 Sep 2025
वॉशिंगटन/दोहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर को सुरक्षा की गारंटी देते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें साफ कहा गया है कि कतर पर किसी भी तरह का हमला अमेरिका की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा माना जाएगा। इस आदेश के तहत अमेरिका जरूरत पड़ने पर राजनयिक, आर्थिक और यहां तक कि सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है।
9 सितंबर को इजरायल ने दोहा में हमास के नेताओं को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद कतर ने कड़ी नाराजगी जताई। राष्ट्रपति ट्रंप पर कतर की सुरक्षा को लेकर दबाव बढ़ा, जिसके चलते 29 सितंबर को व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने उनसे कतर के प्रधानमंत्री को फोन पर माफी मंगवाई। अगले ही दिन व्हाइट हाउस ने इस मुलाकात की तस्वीरें जारी कीं।
कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि, कतर की क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा की रक्षा करना अमेरिका की जिम्मेदारी होगी। आदेश में साफ लिखा गया है कि, किसी भी सशस्त्र हमले को अमेरिका अपनी सुरक्षा और शांति पर हमला मानते हुए जवाब देगा। अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ वॉर, सेक्रेटरी ऑफ स्टेट और नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर को संयुक्त रणनीति बनाने का निर्देश भी दिया गया है।
आर्थिक समझौता- मई 2025 में ट्रम्प ने दोहा यात्रा के दौरान 243.5 बिलियन डॉलर की डील की। इसके तहत कतर एयरवेज बोइंग से 160 विमान खरीदेगा।
मिलिट्री बेस- कतर में अल उदीद एयर बेस है, जो अमेरिका का मध्य-पूर्व में सबसे बड़ा ठिकाना है। यहां से सेंट्रल कमांड काम करती है।
शांति वार्ता में भूमिका- गाजा युद्ध में इजरायल और हमास के बीच वार्ता में कतर मध्यस्थता कर रहा है, जो ट्रम्प की शांति योजना के लिए अहम है।
ट्रंप को तोहफा- कतर ने ट्रंप को 400 मिलियन डॉलर का बोइंग 747-8 विमान गिफ्ट किया है।
ट्रंप के इस कदम की अमेरिका में आलोचना भी हो रही है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इसे बिना सार्वजनिक बहस के अचानक लिया गया फैसला बताया। ट्रंप की करीबी और विवादित कार्यकर्ता लॉरा लूमर ने सोशल मीडिया पर लिखा- “मैं कतर के लिए मरना नहीं चाहती, क्या आप चाहते हैं?” इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि, किसी भी रक्षा संधि को मान्यता देने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी होती है। हालांकि, राष्ट्रपति कई बार अपने स्तर पर भी ऐसे समझौते कर लेते हैं।
कतर ने ट्रंप के इस आदेश का स्वागत करते हुए इसे दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूत करने वाला कदम बताया। वहीं इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से फोन पर औपचारिक माफी मांगी और भरोसा दिलाया कि आगे दोहा में ऐसे हमले नहीं होंगे।