Shivani Gupta
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Manisha Dhanwani
1 Dec 2025
वॉशिंगटन। अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव और गहराता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही भारतीय आयातों पर अब कुल 50% शुल्क लागू हो गया है। नई व्यवस्था 27 अगस्त 2025 की रात 12:01 बजे से लागू होगी।

ट्रंप प्रशासन ने इस कदम की मुख्य वजह भारत द्वारा रूस से लगातार तेल खरीदना बताया है। राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि भारत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस को फंड मुहैया करा रहा है, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में किया जा रहा है।
उनका आरोप है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे आर्थिक रूप से मजबूत कर रहा है, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के जरिए टैरिफ संबंधी अधिसूचना जारी की। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत की नीति अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए चुनौती है। इससे पहले अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया था, लेकिन अब इसे दोगुना कर 50% कर दिया गया है।
भारत ने ट्रंप के फैसले को अनुचित और गलत करार दिया। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हित और ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जहां से सस्ता तेल मिलेगा, वहीं से खरीदेगा। भारत ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने वाले चीन जैसे बड़े देशों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं की, जबकि भारत को निशाना बनाया गया है।
भारत और अमेरिका के बीच संभावित ट्रेड डील पहले से ही अटकी हुई है। ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिकी कृषि और डेयरी सेक्टर को पूरी तरह से खोल दे, लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है। भारत का कहना है कि किसानों से जुड़े मुद्दों पर समझौता संभव नहीं है। इस नए टैरिफ विवाद से दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते की राह और कठिन हो गई है।
भारत के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के साथ रिश्तों पर नरमी दिखाई। व्हाइट हाउस से बयान जारी करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध बेहतर होंगे। उन्होंने इशारा किया कि उनके पास चीन को दबाव में लाने के कई विकल्प हैं, लेकिन वह उन्हें अभी इस्तेमाल नहीं करेंगे। ट्रंप के इस बयान से यह सवाल और गहरा हो गया है कि आखिर भारत पर सख्ती और चीन के प्रति नरमी क्यों दिखाई जा रही है।